‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ के इंद्रावदन ने दुनिया को अलविदा कहा, सतीश शाह छोड़ गए हंसी की अनमोल विरासत
मुंबई, 25 अक्टूबर 2025 : भारतीय मनोरंजन जगत को आज एक अपूरणीय क्षति हुई है। दिग्गज कॉमिक एक्टर सतीश शाह, जिन्हें ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ में इंद्रावदन साराभाई के किरदार के लिए अमर माना जाता है, का आज दोपहर करीब 2:30 बजे मुंबई के हिंदूजा अस्पताल में निधन हो गया। 74 वर्षीय शाह लंबे समय से किडनी संबंधी जटिलताओं से जूझ रहे थे और हाल ही में उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट भी कराया था। उनकी मृत्यु की खबर ने पूरे बॉलीवुड और टेलीविजन इंडस्ट्री को शोक की लहर में डुबो दिया है। उनका अंतिम संस्कार कल रविवार को किया जाएगा।

सतीश शाह का जन्म 25 जून 1951 को मुंबई में हुआ था। फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से प्रशिक्षित शाह ने अपने करियर की शुरुआत 1978 में ‘अरविंद देसाई की अजीब दास्तान’ से की। लेकिन असली पहचान उन्हें 1983 की कल्ट क्लासिक ‘जाने भी दो यारों’ में म्यूनिसिपल कमिश्नर डी’मेलो के किरदार से मिली, जहां उनकी सटीक कॉमिक टाइमिंग ने दर्शकों को बांध लिया। टेलीविजन पर 1984 के सिटकॉम ‘ये जो है जिंदगी’ में 55 एपिसोड्स में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने इतिहास रच दिया। 2004 में ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ में इंद्रावदन के रूप में उनकी परफॉर्मेंस आज भी हंसी का खजाना है। ‘मैं हूं ना’, ‘कल हो ना हो’, ‘फना’, ‘ओम शांति ओम’ और ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में उनके छोटे-छोटे रोल भी यादगार बने।
उनकी पत्नी, डिजाइनर माधु शाह के साथ 1972 में शादी के बंधन में बंधे सतीश शाह ने 250 से अधिक फिल्मों में काम किया। उनकी आखिरी सोशल मीडिया पोस्ट कल की थी, जिसमें उन्होंने शम्मी कपूर को याद करते हुए लिखा था, “तुम हमेशा मेरे आसपास हो।” इस पोस्ट ने अब और भावुक कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “सतीश शाह जी के निधन से गहरा दुख हुआ। वे भारतीय मनोरंजन के सच्चे लेजेंड थे।” करण जौहर, फराह खान, जॉनी लीवर, माधुर भंडारकर और अमीषा पटेल जैसे सितारों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। जॉनी लीवर ने लिखा, “40 सालों के दोस्त को खो दिया। दो दिन पहले ही बात हुई थी। ओम शांति।” सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (CINTAA) ने भी शोक संदेश जारी किया।
सतीश शाह का ह्यूमर न केवल हंसी लाता था, बल्कि जीवन की बारीकियां सिखाता था। वे टाइपकास्टिंग की चुनौतियों से जूझते रहे, लेकिन कभी हार नहीं मानी। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि एक बार जब उनकी पत्नी ऑपरेशन टेबल पर जिंदगी-मौत से लड़ रही थीं, तब एक फैन ने उनसे मजाक सुनाने की डिमांड की थी। इस घटना ने उनकी भावनाओं को आहत किया, लेकिन उन्होंने मुस्कुराते हुए इसे ‘कॉमेडियन का बैगेज’ कहा।
सतीश शाह से जुड़े यादगार किस्से: ‘वीराना’ और ‘डिस्को डांसर’ से
सतीश शाह ने 1980 के दशक में कई यादगार फिल्मों में काम किया, जिनमें हॉरर और म्यूजिकल जॉनर की फिल्में भी शामिल हैं। यहां उनके साथ जुड़े दो दिलचस्प किस्से पेश हैं:
1 . ‘वीराना’ (1988) से किस्सा:
यह रैमसी ब्रदर्स की सुपरनैचुरल हॉरर फिल्म थी, जिसमें सतीश शाह ने एक सहायक भूमिका निभाई। फिल्म की शूटिंग के दौरान एक रात का सीन था, जहां जस्मीन का किरदार चुड़ैल में बदल जाता है। सतीश शाह, जो कॉमिक रिलीफ देते थे, को एक डरावने सीन में हंसते हुए डायलॉग बोलना था। लेकिन टेक के बीच में असली ‘हॉरर’ तब हुआ जब सेट पर अचानक बिजली चली गई और कृत्रिम कोहरा मशीन फटने लगी। सतीश जी ने बाद में हंसते हुए बताया कि वे इतने डर गए कि असली में चिल्ला पड़े, और डायरेक्टर तुलसी रैमसी को लगा कि ये परफेक्ट टेक है! इस घटना ने पूरे क्रू को हंसा दिया, और सतीश जी की ‘नेचुरल कॉमिक टाइमिंग’ ने सीन को और यादगार बना दिया। फिल्म को सेंसर बोर्ड से कट्स मिले, लेकिन सतीश का रोल दर्शकों को आज भी हंसी और डर का अनोखा मिश्रण देता है।
2 . ‘डिस्को डांसर’ (1982) से किस्सा:
मिथुन चक्रवर्ती की इस आइकॉनिक डांस फिल्म में सतीश शाह ने एक छोटा लेकिन प्रभावशाली रोल किया, जहां वे अमीर फैमिली के मेंबर के रूप में दिखे। फिल्म की शूटिंग के दौरान एक सॉन्ग सीक्वेंस में सतीश जी को डिस्को स्टेप्स करने थे, लेकिन उनकी ‘कॉमिक स्टाइल’ में ये स्टेप्स इतने फनी हो गए कि डायरेक्टर बब्बर सुभाष ने एक्स्ट्रा टेक ले लिया। एक किस्से के मुताबिक, सेट पर मिथुन ने सतीश जी को ‘डिस्को किंग’ कहकर चिढ़ाया, तो उन्होंने जवाब में एक इम्प्रोवाइज्ड डायलॉग बोला, “डिस्को नहीं, मैं तो डिस्को-नाचता हूं!” जो बाद में फिल्म में शामिल हो गया। यह सीन आज भी फैंस को हंसाता है, और सतीश जी ने इसे अपनी ‘स्पॉन्टेनियस ह्यूमर’ का परिणाम बताया। फिल्म ने सोवियत यूनियन में सुपरहिट होने के साथ सतीश को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी।
फिल्म पत्रकार अमिताभ श्रीवास्तव ने लिखा :
जाने-माने कॉमिक एक्टर सतीश शाह, जिन्हें कल्ट क्लासिक जाने भी दो यारों और पॉपुलर टेलीविज़न शो ‘यह जो है ज़िंदगी’ और ‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ में उनकी यादगार एक्टिंग के लिए सबसे ज़्यादा याद किया जाता है, आज गुज़र गए। 1980 और 1990 के दशक में इंडियन सिनेमा और टेलीविज़न का एक जाना-माना चेहरा, शाह ने अपनी ज़बरदस्त कॉमिक टाइमिंग, हल्के ह्यूमर और कमाल की वर्सेटिलिटी से दर्शकों का मनोरंजन किया। फ़िल्मों में अपने शुरुआती दिनों से लेकर टेलीविज़न पर अपने आइकॉनिक रोल तक, उन्होंने इंडिया के सबसे पसंदीदा कैरेक्टर एक्टर में से एक के तौर पर अपनी जगह बनाई। शोर और निराशा के इस ज़माने में, सतीश शाह का ह्यूमर बारीकी का मास्टरक्लास बना हुआ है।
सतीश शाह की विदाई से मनोरंजन की दुनिया गुम हो गई, लेकिन उनकी हंसी और किरदार हमेशा जिंदा रहेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। ओम शांति।







