भीषण गर्मी से जूझ रहा है भारत
नई दिल्ली, 17 जून : देश में अब तक की सबसे भयानक गर्मी पड़ रही है। कई हिस्सों में लगातार 50 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा तापमान बना हुआ है। दिल्ली में साल 2002 में सबसे ज्यादा 49.2 डिग्री सेल्सियस पारा रिकॉर्ड हुआ था। वहीं, इस साल 27 मई को तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। तापमान ने दिल्ली में एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। इसी को लेकर प्रमुख पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने कहा कि भारत इस साल भीषण गर्मी से जूझ रहा है। कोई भी इस स्तर की गर्मी के लिए तैयार नहीं है।
लखनऊ में पारा 46 डिग्री के पार
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में भीषण गर्मी का कहर जारी है। रविवार को पारा 46 डिग्री के पार हो गया। इससे पहले शुक्रवार को पारा 46 डिग्री तक पहुंच गया था। तेज गर्मी के कारण लोगों को घरों से बाहर निकलने में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के लोग को जल्द ही भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है। 20 जून तक राज्य के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। मौसम विभाग की तरफ से प्रदेश के कुछ हिस्सों में लू का अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि मौसम विभाग की तरफ से 18 जून के बाद पूर्वी यूपी में बारिश की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिजांपुर चंदौली वाराणसी, संत रविदास नगर अमेठी सुल्तानपुर, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरय, जालन हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर, इटावा और रायबरेली में भीषण लू की संभावना है।
उन्होंने ताप सूचकांक और आधुनिक शहरों के डिजाइन के तरीके में बदलाव की आवश्यकता पर भी जोर दिया। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) की महानिदेशक नारायण ने कहा कि भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी का सैलाब प्राकृतिक रूप से होने वाली अल नीनो घटना और जलवायु परिवर्तन का नतीजा है।
उन्होंने कहा, कोई भी तैयार नहीं है। वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म साल 2023 था। हमने पिछले 45 दिनों में सभी पिछले रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 40 डिग्री से ऊपर तक तापमान गया है। यह जलवायु परिवर्तन के कारण हो रहा है। इस साल (2023-24) अल नीनो के कम होने से यह और भी जटिल हो गया है। इसका मतलब है कि हमें वास्तव में अपने काम को एक साथ लाने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि कमजोर समुदाय कम प्रभावित हों।
कांच की इमारतें भट्टियों में बदल रहीं
नारायण ने कहा कि गर्मी की नहीं आधुनिक कांच की इमारतों को भट्टियों में बदल रही हैं, जिससे यहां रहने वालों की गर्मी से हालत खराब हो रही है। इसके साथ उन्होंने इस गर्मी से निपटने के लिए नए वास्तु विज्ञान की आवश्यकता जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज आपकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि शहरों का पुनर्निर्माण कैसे किया जाए। गुरुग्राम को देखें- यहां सब कांच से बना हुआ है। कांच की इमारतें गर्म जलवायु के लिए सबसे खराब चीज हो सकती हैं।