बाराबंकी, 17 फरवरी, 2020: बनीकोडर क्षेत्र के ग्राम निम्बहा स्थित तपोभूमि पंचवटी आश्रम में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन कथा वाचक मानस मर्मज्ञ श्री स्वामी गोकरनपुरी महाराज जी व श्री रेनुपुरी जी ने भक्त दूलंदास और सालिगराम की कथा सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। कथा वाचक ने संगीतमयी कथाओ से क्षेत्र में भक्तमय वातावरण बना दिया है।
उल्लेखनीय है कि अयोध्या लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे इस आश्रम का ऐतिहासिक महत्त्व है। अंग्रेजो के जमाने मे इस स्थान पर पूरे वर्ष निःशुल्क प्याऊ पौशाला के नाम से चलता था, बड़े पीपल व बरगद के पेंडो के बीच बना विशाल कुआँ के शीतल जल और गुड़ बतासा खिलाकर राहगीरों की प्यास स्थानीय लोगों द्वारा बुझाई जाती थी। दूर दूर से आने जाने वाले राहगीर इस स्थान को लक्ष्य बनाकर अपनी थकान व प्यास मिटाते थे।
समय के साथ कुओं के पानी की उपयोगिता मिटती गई और यह स्थान वीरान सा हो गया। कुछ वर्ष पहले इस स्थान पर दुर्गा प्रसाद गोस्वामी अपनी कुटी बनाकर इस स्थान पर पूजा पाठ करना शुरू किया, विगत दो वर्ष पहले दुर्गा बाबा का निधन हो गया जिसके बाद समाज सेवी व होटल व्यवसायी चंद्रशेखर गोस्वामी मुन्ना भैया ने पंचवटी आश्रम को सौंदर्यीकरण का दायित्व लेते हुए इस स्थान पर छोटा सा मंदिर बनवाकर पूजन हवन व भागवत करवाना शुरू किया।
इस धार्मिक कार्य मे स्थानीय लोगों में राजाराम वर्मा, विश्राम प्रजापति, हरिनाम रावत, दीपू वर्मा, नरेन्द्रनाथ वर्मा, विनोद कुमार रावत, रत्नेश कुमार, चंद्रपाल मिश्र आदि लोगों ने हाथों हाथ लेकर इस स्थान को रमणीक बनाने में योगदान देना शुरू किया। आज इस स्थान की महत्ता अपने पुराने गौरव को प्राप्त कर रही है। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में सैकड़ों श्रोता भक्ति आनंद लेने एकत्र हो रहे हैं। संगीतमई कथा में राम कैलाश रावत, दिनेश कुमार सहयोग प्रदान कर रहे हैं।