नई दिल्ली 01 अक्टूबर। भारत में चीन के राजनयिक लो झाहुई ने कहा है कि ‘शांति बहाली को लेकर दोनों देशों को पुराने प्रकरणों को भूल कर नए रिश्तों की शुरुआत करनी चाहिए।’ व्यापार को लेकर उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलकर एक साथ काम करेंगे तो हम, ‘एक और एक मिलकर ग्यारह बन सकते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘चीन भारत का सबसे बड़ा व्यवसायिक साथी है। दोनों देश मिलकर अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों पर नए अध्याय की शुरुआत कर सकते हैं।’
शनिवार को चीनी राजदूत लाऊ झाओ हुई ने कहा कि दोनों देशों को साथ मिलकर ‘एक और एक ग्यारह’ बनना चाहिए। लाऊ ने यह भी बताया कि पिछले महीने जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की मुलाकात हुई थी तो उससे पूरे विश्व को दोनों देशों के बीच हुई सुलह और सहयोग का संदेश मिला था।
डोकलाम में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच करीब 2 महीने तक चली लगातार तनातनी के बाद उनके इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है। लो झाहुई ने इस मौके पर अपने एक अध्यापक प्रोफेसर शू फैनचेंग को याद किया, जो 1945 से 1978 तक पुडुचेरी के अरविंदो आश्रम में रहे थे। उन्हें उपनिषद, भगवद गीता और शाकुंतला के संस्कृत से चीनी भाषा में अनुवाद के लिए जाना जाता है।