- सिर्फ लाइसेंस रखने वाले दुकानदार ही दीवाली पर बेच पायेंगे पटाखे
- रात 8-10 बजे तक ही पटाखे जलाने का आदेश
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर 2018: सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाते हुए कुछ जरुरी दिशा निर्देश जारी किये हैं। देशभर में पटाखों की बिक्री और पटाखे चलाने पर रोक की याचिका पर फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं जिसमें कम एमिशन (धमाके) वाले पटाखों को ही इजाजत मिली है। इसके साथ ही सिर्फ लाइसेंसधारी दुकान वाले ही पटाखे बेचे जा सकेंगे।
फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर भी ऑनलाइन बिक्री पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने फ्लिपकार्ट और अमेज़न जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइटों के पटाखे बेचने पर रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइटें अगर अदालत का फैसला नहीं मानती हैं तो उन्हें अदालत की अवमानना का जिम्मेदार माना जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले पटाखों के उत्पादन एवं बिक्री की अनुमति दी जिनसे देशभर में कम उत्सर्जन होगा। दीपावली और अन्य त्योहारों पर पटाखे जलाने के लिए उच्चतम न्यायालय ने रात आठ बजे से रात दस बजे तक का समय तय किया, और ये समय सीमा पूरे देश में लागू होगी। बाजार में केवल अनुमेय डेसीबल ध्वनि सीमा वाले पटाखों की बिक्री को ही अनुमति मिलेगी।
न्यायालय ने केंद्र से दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दीपावली एवं अन्य त्योहारों के दौरान सामुदायिक स्तर पर पटाखे छोड़े जाने को प्रोत्साहन देने के लिए कहा। न्यायालय ने सभी राज्यों को त्योहारों के दौरान सामुदायिक रूप से पटाखे छोड़े जाने की व्यवहार्यता पर विचार करने का निर्देश दिया।
थाना प्रभारी होंगे जिम्मेदार
निर्देश जारी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी क्षेत्र में प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री होती है तो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा और अगर आदेश का पालन नहीं हुआ, तो थाना प्रभारी को निजी तौर पर कोर्ट की अवमानना का दोषी माना जाएगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा, पटाखों की बिक्री से जुड़े ये निर्देश सभी त्योहारों तथा शादियों पर भी लागू होंगे।
बता दें कि 28 अगस्त को जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण ने दलील पूरी होने के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में देशभर में पटाखों की बिक्री पर बैन का विरोध किया। केंद्र ने अपनी दलील में सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पटाखों के उत्पादन को लेकर नियम बनाना बेहतर कदम है।