भोजपुरी लोकसंगीत की सशक्त आवाज कल्पना पटवारी का नया छठ गीत “माई के अनादर” रिलीज होते ही वायरल हो गया है। यह गीत भक्ति के साथ-साथ एक गहरा सामाजिक संदेश देता है, जो आधुनिकता की दौड़ में माँ की उपेक्षा और वृद्धाश्रमों की कटु सच्चाई को उजागर करता है। कल्पना की भावपूर्ण गायकी ने इस गीत को हर दिल तक पहुँचाया है।

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गीत में दिखाया गया है कि कैसे आज का समाज उन माताओं को भूल जाता है, जिन्होंने अपने बच्चों के लिए जीवन समर्पित किया। अशोक शिवपुरी द्वारा लिखे गए बोल और दीपक ठाकुर व कल्पना पटवारी के संगीत निर्देशन ने गीत को गहराई दी है। पवन पाल के निर्देशन में Silver Lining Old Age Home में फिल्माया गया यह वीडियो वास्तविक वृद्ध माताओं की भावनाओं को दर्शाता है। शैलेन्द्र सिंह, शारदा सिंह और कल्पना की अभिनय क्षमता ने गीत को और मार्मिक बनाया।
यह गीत छठ पूजा के पवित्र अवसर पर समाज से सवाल करता है – क्या माँ को वृद्धाश्रम भेजना हमारी प्रगति है? सोशल मीडिया पर लाखों बार देखा जा चुका यह गीत “2025 का सबसे भावनात्मक छठ गीत” बन गया है। कल्पना पटवारी ने साबित किया कि लोकसंगीत केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का भी सशक्त माध्यम है। ‘माई के अनादर’ छठ पर्व की सांस्कृतिक विरासत में हमेशा याद रहेगा।







