₹10 के स्नैक का ₹2,000 का झटका: वेंडर की गुंडागर्दी पर रेलवे का एक्शन, लाइसेंस रद्द, गिरफ्तारी और जुर्माना
जबलपुर, 24 अक्टूबर 2025: भारतीय रेलवे ने एक छोटे से विवाद को गंभीर सबक में बदल दिया है। जबलपुर रेलवे स्टेशन पर 17 अक्टूबर की शाम को हुए ‘समोसा कांड’ में वेंडर संदीप गुप्ता पर सख्त कार्रवाई करते हुए रेलवे ने उसे गिरफ्तार कर लिया, भारी जुर्माना लगाया और उसका लाइसेंस स्थायी रूप से रद्द कर दिया। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद हुई, जिसमें वेंडर ने UPI पेमेंट फेल होने पर एक यात्री की स्मार्टवॉच (मूल्य करीब ₹2,000) छीन ली थी। बस ₹10-20 के दो समोसों के बदले!
बता दें कि घटना की शुरुआत बिल्कुल मामूली थी। प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर खड़ी ट्रेन से उतरकर एक युवा यात्री ने वेंडर से दो प्लेट समोसे मंगाए। PhonePe से पेमेंट करने की कोशिश की, लेकिन नेटवर्क की खराबी से ट्रांजेक्शन फेल हो गया। यात्री ने वेंडर से अनुरोध किया कि वह QR कोड की फोटो लेकर घर पहुँचकर पैसे ट्रांसफर कर देगा, लेकिन वेंडर ने एक न सुनी। जैसे ही ट्रेन चलने लगी, वेंडर ने यात्री का कॉलर पकड़ लिया और उसे जबरन रोक लिया। डरते-डरते यात्री ने अपनी घड़ी उतारकर दे दी, तब जाकर वेंडर ने उसे दो प्लेट समोसे थमा दिए और जाने दिया।

यह 34 सेकंड का वीडियो X (पूर्व ट्विटर) पर ‘@thewhatup’ यूजर द्वारा शेयर होते ही वायरल हो गया। लाखों यूजर्स ने इसे “शर्मनाक” और “खतरनाक” बताते हुए रेलवे से तत्काल कार्रवाई की मांग की। कुछ ने मजाक में कहा, “बार्टर सिस्टम की वापसी!” तो कुछ ने वेंडर की गरीबी का हवाला देकर नरमी की अपील की, लेकिन ज्यादातर ने यात्री की सुरक्षा पर सवाल उठाए। वीडियो में साफ दिखा कि चलती ट्रेन के पास ऐसी हरकत से यात्री की जान को खतरा हो सकता था।
https://x.com/i/status/1981596121286967605
रेलवे ने फौरन संज्ञान लिया। जबलपुर डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) ने खुद X पर पोस्ट कर बताया, “वेंडर की पहचान हो गई है। RPF ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया, उसे हिरासत में लिया गया और लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई शुरू हो गई।” वेस्ट सेंट्रल रेलवे के चीफ पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर हर्षित श्रीवास्तव नेमीडिया एजेंसी ANI को बताया, “यह घटना 17 अक्टूबर की शाम को हुई। हमने रेलवे एक्ट के तहत वेंडर को गिरफ्तार किया और जुर्माना लगाया।
उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है ऐसी गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं होगी। “यह कार्रवाई न केवल वेंडर को सबक सिखाएगी, बल्कि स्टेशन पर वेंडर्स के आचरण और डिजिटल पेमेंट की चुनौतियों पर भी बहस छेड़ेगी। रेलवे ने सभी जोनल ऑफिसर्स को निर्देश दिए हैं कि ऐसी घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस अपनाया जाए। उम्मीद है, अब ठंडे समोसों की गर्मागर्मी से यात्री सुरक्षित रहेंगे और अगली बार UPI फेल हो तो शायद वेंडर चाय का ऑफर कर दें!
लोगों का गुस्सा और दर्द छलका :-
- हीरा सिंह बिष्ट : हर्जाना सरकारी खजाने के बजाय पीड़ित को मिलना चाहिए और सरकार की ओर से लिखित मफीनामा। लेकिन ऐसा इस देश तो सम्भव नही है।
- मिस्टर राय : घड़ी मिली या नहीं यात्री को , डिजिटल इंडिया में डिजिटल पेमेंट फैल होने पर इस तरह का सम्मान रेलवे स्टेशन पर कभी सोचा नहीं होगा, अगर सोसल मीडिया पर मामला न आता तो बेचारा यात्री जीवन पर न्याय नहीं पाता।
- कुमार प्रिय रंजन : भारतीय रेल में इन वेंडरों की गुंडागर्दी चरम पर है। मैं खुद एक बार इनके चक्कर में पड़ा था। इसीलिए मुझे पता है ये कैसे यात्रियों को लूटते हैं। हर समान का ज्यादा पैसा लेना इनकी आदत है। आप राजधानी या किसी ट्रेन में जाएं। यात्रा की समाप्ति पर यात्रियों से पैसा लेते हुए दिख जाएंगे ये।







