शान-ए-अवध इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस वर्ष 2017 में करीब 45 देशों की 437 फिल्में चयन के लिए प्राप्त हुईं, जिसमें से 43 फिल्मों का चयन प्रदर्शन के लिए हुआ है
लखनऊ 07 नवम्बर। अवध आर्ट सोसाइटी द्वारा आयोजित 5th शान-ए-अवध इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल मंगलवार 7 नवम्बर से शुरू हो गया। इस फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत संगीत नाटक अकादमी के पीछे स्थित बौद्ध शोध संस्थान में हुई। मंगलवार को फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत मशूहर दिवंगत फिल्मकार कुंदन शाह को श्रद्धांजलि अर्पण के साथ हुई। स्वर्गीय कुँदन शाह अपनी लोकप्रिय फिल्म जाने भी दो यारों, दिल है तुम्हारा, कभी हां कभी न, क्या कहना, पी से पीएम तक आदि के लिए जाने जाते हैं। साथ ही टेलीविजन पर उनके द्वारा निर्देशित मशहूर सीरियल “वागले की दुनिया” काफी प्रसिद्ध रहा था।
पहले दिन कार्यक्रम की शुरुआत फिल्म निर्देशक कुंदन शाह पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री के प्रदर्शन के साथ हुई। जिसमें उनसे जुड़ीं यादें दर्शकों के जेहन में ताजी हो गईं। इसके बाद उनकी याद में तीन मिनट का मौन रखा गया। श्रद्धांजलि सभा के बाद पिता-पुत्री के मार्मिक रिश्तों पर आधारित फिल्म फिल्म “डैडीज डॉटर” का प्रदर्शन हुआ, यह फिल्म बेहद ही भावनात्मक रही। जिसमें दिखाया गया कि प्याार की असली परिभाषा क्या होती है। इसमें बताया गया है कि एक पिता कैसे अपनी पुत्री की परवरिश करें। फिल्म में पूजा नामक लड़की की मुख्य भूमिका फरहीन खान ने निभाई है। डैडीज डॉटर में उन्होंने ने वेहद ही सधा हुआ अभिनय किया है।
फिल्म को लखनऊ के ही अभिमन्यु चौहान ने निर्देशित किया है, यह फिल्म पूरी तरह से लखनऊ में और लखनऊ के कलाकारों के साथ बनी है, यह फिल्म पिता और बेटी के भावनात्मक रिश्तों पर अधारित है। फिल्म को दर्शको ने खूब सराहा। यह इस फिल्म का पहला प्रदर्शन होगा, जो कि आने वाले समय में रिलीज़ के लिए भी तैयार है। इस फिल्म की अवधि डेढ़ घंटे की है।
पहले दिन के कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथियों में शामिल इतिहासकार व गीतकार श्री योगेश प्रवीण ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम लखनऊ में होते रहने चाहिए। शान ए अवध इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ने अपने आयोजन से एक अलग पहचान बना ली है। उन्होंने कहा कि वह पहले भी इस फेस्टिवल में शामिल हो चुके हैं। ऐसे प्रोग्राम आगे भी होते रहने चाहिए। वहीं एसआर ग्रुप के चेयरमैन श्री पवन सिंह चौहान ने कहा कि शान ए अवध इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में काफी विविधता है। इसको लेकर दर्शकों में काफी इंतजार रहता है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रोग्राम शहर को एक अलग पहचान देते हैं।
शान-ए-अवध इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस वर्ष 2017 में करीब 45 देशों की 437 फिल्में चयन के लिए प्राप्त हुईं, जिसमें से 43 फिल्मों का चयन प्रदर्शन के लिए हुआ है। इस वर्ष यह चार दिवसीय फिल्म फेस्टिवल 7 नवम्बर से 10 नवम्बर तक गोमतीनगर के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान (संगीत नाटक अकादमी के बगल में) में आयोजित होगा। इसके साथ ही फिल्म फेस्टिवल में कुंदन शाह द्वारा निर्देशित मशहूर सीरियल “वागले की दुनिया” के मुख्य पात्र और फिल्मों की दुनिया में जाना माना नाम अन्जन श्रीवास्तव फेस्टिवल में शिरकत करेंगे।
शान-ए-अवध इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत वर्ष 2011 में हुयी थी, जिसमें 13 देशों की 155 फिल्में, फिर वर्ष 2013 में 25 देशों की 200 फिल्में शामिल हुईं। वर्ष 2015 में 35 देशों की 278 फिल्में और फेस्टिवल के चौथे वर्ष 2016 में 40 देशों की फिल्में प्रदर्शन के लिए शामिल हुई थीं।
फिल्म फेस्टिवल के दूसरे, तीसरे एवं चौथे दिन (8, 9 और 10 नवम्बर) फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत लखनऊ के ही निर्देशकों द्वारा बनायी फिल्म से होगी, जिसके बाद शार्ट फिल्मों और फीचर फिल्म और डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का सिलसिला जारी रहेगा…. फेस्टिवल में दिखायी जाने वाली सभी फिल्मों की सूची नीचे संलग्न है।
अवध की चौखट पर आप एक साथ 15 देशो की 43 फ़िल्मे देख पाएँगे। हर फ़िल्म की कहानी जुदा है, माहौल अलग है, मज़ा अलग है। यह सभी फ़िल्में 7 से 10 नवम्बर तक रोज़ 12 बजे से शाम 6 बजे तक अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संसथान, विपिन खंड, गोमतीनगर में देखी जा सकती हैं।
फ़िल्म फेस्टिवल में फिल्मों के प्रदर्शन के साथ–साथ फिल्मों पर बात करने के लिए फेस्टिवल जूरी में ‘वेलकम टू सज्जनपुर’, ‘ज़ुबैदा’, ‘वेल डन अब्बा’, ‘चलो दिल्ली’, ‘मोहल्ला अस्सी’ के एडिटर असीम सिन्हा और वरिष्ठ फिल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज होंगे, जो आपके सवाल और अपने जवाब से फिल्मों की ऐसे परतें खोलेंगे की पूरा फेस्टिवल खुद बा खुद एक बड़ी फ़िल्म लगने लगेगा।