बहराइच, 08 अगस्त 2018: बहराइच में कांवरियों का एक जत्था राप्ती नदी में जल भरने गया उसी समय दो कांवरिये डूब गए। सूचना देने के बावजूद भी तीन घंटे तक प्रशासन हरकत में नहीं आया। इस बीच ग्रामीणों ने मछुआरों को नदी में उतार कर तलाश शुरू कराई। काफी देर चली गोताखोरी के बाद दोनों लाशें बरामद कर लिया। आक्रोशित कांवरियों ने प्रदर्शन कर प्रशासन विरोधी नारे लगाए।
नानपारा तहसील क्षेत्र के नवाबगंज इलाके का कांवरियों का एक जत्था सोमवार को सुबह राप्ती नदी में जल भरने गया था। जिनमें से नवाबगंज थाने के हरिहरपुर गांव निवासी 30 वर्षीय सुभाष वर्मा पुत्र राम कुमार व उमरिया के नन्दा गांव निवासी 25 वर्षीय पंकज वर्मा पुत्र लोकनाथ डूब गए। उनके डूबने की सूचना पुलिस व एसएसबी को दी गई। इसके बावजूद भी प्रशासन की ओर से कोई गोताखोर नहीं भेजा गया। इस बीच ग्रामीणों ने मछुआरों को नदी में उतारकर तलाश शुरू कराई। काफी देर तक की गई गोताखोरी के बाद दोनों युवकों को निकालकर अस्पताल ले जाया गया, जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया गया।
सीओ व एसडीएम नानपारा सिद्धार्थ यादव ने राप्ती के घाट पर गोताखोर व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा था, किन्तु कोई सुविधा मुहैय्या नहीं कराई गई। जिससे इतनी बड़ी घटना हो गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस घाट पर कांवरिए जल भरने गए थे, वहां खनन माफियाओं ने अवैध खनन कर राप्ती को गहरी कर दिया है। नदी का जलस्तर कम होने के बावजूद भी इस घाट पर नदी 50 फीट गहरी हो गई है।
राप्ती नदी के जानकी घाट पर डूबे कांवरिये सुभाष व पंकज वर्मा की मौत के बाद कांवरिए आक्रोशित हो उठे। कांवरियों ने पुलिस व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की। प्रधान प्रतिनिधि रिंकू सिंह, अजय यादव, संतोष व विमल आदि ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए घटना की निन्दा की। उन्होंने कहा कि वादे के मुताबिक प्रशासन ने वहां कोई व्यवस्था नहीं की है।