नई दिल्ली, 25 अप्रैल : पहलगाम हमले में भारत की ओर से बढ़ते दबाव के चलते पाकिस्तान में सियासी हलचल तेज हो गयीं है, वो इतना घबराया हुआ है कि गीदड़ भभकी देने के साथ खुद भारत पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है । इसी क्रम में पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को रोकने के कदम को पूरी तरह खारिज किया है. पाकिस्तान ने कहा कि यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जिसे भारत अकेले निलंबित नहीं कर सकता. यह पाकिस्तान की जनता के लिए लाइफलाइन है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा. इसके साथ ही पाकिस्तान ने गीदड़ भभकी देते हुए कहा कि अगर भारत ने पाकिस्तान के हिस्से का पानी रोका या मोड़ा, तो इसे युद्ध की कार्यवाही माना जाएगा और पूरे राष्ट्रीय बल से जवाब दिया जाएगा.
पाकिस्तान ने लिए ये फैसले:
- पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर तत्काल बंद किया. भारत से आने-जाने वाले लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. साथ ही जो लोग वैध वीज़ा से पाकिस्तान गए हैं, उन्हें 30 अप्रैल तक वापस लौटने को कहा गया है.
- SAARC वीज़ा योजना के तहत भारतीयों को जारी सभी वीज़ा रद्द करने का फैसला लिया है. सिर्फ सिख तीर्थयात्रियों को छूट रहेगी. बाकी सभी को 48 घंटे में पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दिया गया है.
- पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय रक्षा, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को अवांछित घोषित कर दिया है. उन्हें तुरंत लेकिन 30 अप्रैल 2025 से पहले पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
- पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में स्टाफ की संख्या 30 तक सीमित की गई.
- भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस तत्काल बंद करने का फैसला लिया गया है.
- भारत के साथ हर तरह का व्यापार, चाहे किसी तीसरे देश के रास्ते से हो, तत्काल रोका गया.
इससे पहले भारत ने सात प्रमुख फैसले लिए:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई, के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए। भारत सरकार ने इस हमले को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ा और निम्नलिखित सात प्रमुख फैसले लिए, जिन्होंने पाकिस्तान पर कूटनीतिक, आर्थिक और रणनीतिक दबाव बढ़ाया:
सिंधु जल संधि को निलंबित करना:
भारत ने 1960 के सिंधु जल समझौते को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच जल संसाधनों के बंटवारे का आधार थी। इस फैसले से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि सिंधु और उसकी सहायक नदियों का पानी पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है।
अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट बंद करना:
23 अप्रैल 2025 को भारत ने अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया, जो भारत-पाकिस्तान के बीच एकमात्र चालू भूमि सीमा क्रॉसिंग थी। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार और लोगों की आवाजाही पर रोक लग गई। मान्य दस्तावेजों वाले लोग 1 मई 2025 तक इस रूट से वापस जा सकते हैं।
पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना:
भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों को जारी सभी वीजा 27 अप्रैल 2025 से रद्द कर दिए। मेडिकल वीजा 29 अप्रैल 2025 तक वैध रहेंगे। SAARC वीजा छूट योजना (SVES) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत यात्रा की अनुमति बंद कर दी गई, और भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया।
पाकिस्तानी राजनयिकों का निष्कासन:
भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को अवांछित (पर्सोना नॉन ग्रेटा) घोषित किया और उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया। साथ ही, भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग से इन पदों पर तैनात अधिकारियों को वापस बुला लिया। दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई।
रिट्रीट समारोह में बदलाव:
सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने 24 अप्रैल 2025 को घोषणा की कि पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर अटारी, हुसैनीवाला और सादकी में आयोजित होने वाले ध्वज-उतारने और रिट्रीट समारोह को “छोटा” कर दिया गया है। यह समारोह 1959 से दोनों देशों के बीच सौहार्द का प्रतीक था।
पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य तैयारियां:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 23 अप्रैल को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में सैन्य विकल्पों पर चर्चा हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ 150 मिनट की बैठक की, जिसमें जवाबी कार्रवाई के सभी विकल्पों (थल, जल, और वायु) पर विचार किया गया।
कूटनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय समर्थन:
भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की रणनीति अपनाई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन फैसलों की जानकारी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई वैश्विक नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन किया। भारत ने पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की ग्रे लिस्ट में दोबारा शामिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाने की योजना बनाई।