चिड़िया रानी चिड़िया रानी
तुम रोज पेड़ पर आती हो
पंचम सुर में ना जाने
यह गीत कौन सा गाती हो
दाना चुपके -चुपके से खाकर
फुर-फुर कर उड़ जाती हो
पास आओ एक बात बताओ ना
कहां से लाई यह सुंदर पंख
मुझको यह समझाओ न
वॉलमार्ट है या वी मार्ट
चिल्ड्रंस प्लेस या टॉयज आर
किस दुकान से पर लाती हो
नाम उसका बताओ न
मैं भी खरीद के पंख लाऊंगा
संग तेरे मैं उड़ जाऊंगा
दूर गगन की सैर करके
चाँद तारों को छू आऊंगा
बात मेरी सुनकर
तुम इतना क्यों मुस्काती हो
तुम्हारे पास हैं पंख
इसलिए इतराती हो
बात नहीं है यह प्यारे
दुकान पर मिलते नहीं
है यह पंख हमारे
ईश्वर की है देन यह
कुदरत का इनाम
हमको दिए पंख
तुमको बुद्धि ज्ञान
समझ गया मैं बात तुम्हारी
अलग अलग है पहचान हमारी
मैं धरा का राजा हूँ
तुम हो गगन की रानी
दोनों की उड़ान अलग
है बात यही सयानी