कटोरा हाथ में, दिमाग में बिजनेस प्लान-भरत जैन: भिखारी या बिलियनेयर माइंडसेट?
रचित सक्सेना
मुंबई, 23 नवंबर 2025 : मुंबई की चकाचौंध भरी सड़कों पर भीख मांगते एक शख्स की कहानी आज भी लोगों को हैरान कर देती है। नाम है भरत जैन – जिन्हें दुनिया का सबसे अमीर भिखारी कहा जाता है। 40 साल से ज्यादा समय से चट्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) और आजाद मैदान जैसे व्यस्त इलाकों में भीख मांगने वाले भरत जैन की कुल संपत्ति करीब 7.5 करोड़ रुपये बताई जाती है। लेकिन उनकी जिंदगी सिर्फ कमाई की नहीं, बल्कि स्मार्ट निवेश और परिवार के लिए संघर्ष की मिसाल है।
भरत जैन की शुरुआत गरीबी से हुई। बचपन में परिवार की आर्थिक तंगी के चलते उन्हें स्कूल जाने का मौका ही नहीं मिला। भोजन जैसी बुनियादी जरूरतें भी मुश्किल से पूरी होती थीं। लेकिन मुंबई की उदार जनता की बदौलत उन्होंने अपनी जिंदगी को पलट दिया। आज 54 साल के भरत रोजाना 10-12 घंटे सड़कों पर बिताते हैं और महीने में 60,000 से 75,000 रुपये कमाते हैं। उनकी दैनिक कमाई 2,000 से 2,500 रुपये तक होती है – जो कई नौकरीपेशा लोगों से ज्यादा है।

- पारेल में 1.2 करोड़ का 2BHK फ्लैट
- ठाणे में दो दुकानें (महीने का 30 हज़ार किराया)
- परिवार का स्टेशनरी का बिज़नेस
संपत्ति का राज: भीख से लेकर निवेश तक
भरत जैन ने अपनी कमाई को बर्बाद करने की बजाय बुद्धिमानी से लगाया। उनके पास मुंबई के परेल इलाके में एक 2BHK फ्लैट है, जो करीब 1.2 करोड़ रुपये का है। यहां वे अपनी पत्नी, दो बेटों, पिता और भाई के साथ रहते हैं। इसके अलावा, मुंबई में एक और फ्लैट और ठाणे में दो दुकानें हैं, जिनकी कुल कीमत 1.4 करोड़ रुपये है। ठाणे की दुकानों से उन्हें हर महीने 30,000 रुपये का किराया मिलता है। परिवार का एक स्टेशनरी स्टोर भी चलता है, जो अतिरिक्त आय का स्रोत है।
“मैं भीख माँगता हूँ, लेकिन लालची नहीं” – 7.5 करोड़ की दौलत वाले भरत जैन
भरत के दो बेटे नामी कॉन्वेंट स्कूल से पढ़े हैं और अब फैमिली बिजनेस में हाथ बटा रहे हैं। भरत कहते हैं, “मैं लालची नहीं हूं। मंदिरों में दान देता हूं और जरूरतमंदों की मदद करता हूं। भीख मांगना मेरी पसंद है, जरूरत नहीं।” वे अपनी जिंदगी को एक बिजनेस की तरह चलाते हैं – मेहनत से, लेकिन सादगी से।
भारत का भिक्षावृत्ति उद्योग: एक बड़ा सच
भरत जैन की कहानी भारत के विशाल भिक्षावृत्ति उद्योग को उजागर करती है, जिसकी अनुमानित वैल्यू 1.5 लाख करोड़ रुपये है। मुंबई जैसे शहरों में कई लोग इसे एक लाभदायक पेशा बना चुके हैं। भरत जैसे अन्य उदाहरणों में संभाजी काले (संपत्ति 1.5 करोड़) और लक्ष्मी दास (1 करोड़) शामिल हैं। लेकिन भरत की खासियत यह है कि वे अपनी कमाई को साझा करने में विश्वास रखते हैं, न कि सिर्फ जमा करने में।
भरत जैन साबित करते हैं कि सफलता अप्रत्याशित जगहों से आ सकती है। उनकी मेहनत और समझदारी आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है।






