नई दिल्ली, 18 जून। वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्यूलर की विलय योजना को दूरसंचार विभाग आज (18 जून) मिल सकती है विभाग से प्रस्ताव को मंजूरी । विलय के बाद कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लि. होने की उम्मीद है, और मौजूदा ग्राहक संख्या के हिसाब से यह देश की सबसे बड़ी मोबाइल दूरसंचार सेवा कंपनी हो जाएगी। इस प्रकार यह देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी।
दोनों कंपनियों पर कर्ज का संयुक्त बोझ 1.15 लाख करोड़: बताया जाता है कि इस बढ़ी हुई ताकत से दोनों कंपनियों को बाजार की गलाकाट प्रतिस्पर्धा से निपटने में काफी मदद मिलने की उम्मीद है। रिलायंस जियो के प्रवेश के बाद टेलीकॉम बाजार आकर्षक पैकेज दे कर ग्राहकों को तोड़ने – जोड़ने की जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के दौर से गुजर रहा है। इससे मोबाइल इंटरनेट और कॉल सेवाओं की दरें काफी कम हो गयी हैं। विलय में जा रही इन दोनों कंपनियों पर इस समय कर्ज का संयुक्त बोझ 1.15 लाख करोड़ रुपये के करीब बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस विलय योजना की मंजूरी के लिए विभाग आदित्य बिड़ला समूह की कंपनी आइडिया सेल्यूलर से बैंक गारंटी लेगा। इसके अलावा कंपनी को यह भी भरोसा देना होगा कि ब्रिटेन के वाडाफोन समूह की कंपनी वोडाफोन इंडिया पर आगे भी कोई देनदारी निकलती है तो उसकी जिम्मेदारी आइडिया को पूरी करनी होगी। दूरसंचार विभाग आईडिया सेल्यूलर के स्पेक्ट्रम के एकबारगी शुल्क के लिए 2100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी मांग सकता है. इसके अलावा उसे यह भरोसा भी देना होगा कि वह अदालती आदेश के अनुसार स्पेक्ट्रम संबंधी सभी बकायों का निपटान करेगी। स्पेक्ट्रम शुल्क टुकड़ों में भुगतान के लिए वोडाफोन इंडिया की एक साल की बैंग गारंटी की जिम्मेदारी आइडिया को लेनी होगी।