आम जनता के लिए बिजली दरों में कमी का दबाव बनाएगा उपभोक्ता परिषद
लखनऊ, 16 फरवरी: ग्रेटर नोएडा में समानांतर विद्युत वितरण लाइसेंस वाली निजी कंपनी एनआईडीपी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर नोएडा में सभी डाटा सेंटर की बिजली दरों में 10प्रतिसत से ज्यादा कमी किए जाने की मंजूरी आयोग द्वारा दिए जाने के बाद उपभोक्ता परिषद ने अब विद्युत नियामक आयोग पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
परिषद का कहना है कि जब निजी घरानों द्वारा स्थापित डाटा सेंटर की बिजली प्रदेश में कम हो सकती है तो प्रदेश के आम विद्युत उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी क्यों नहीं हो सकती जो रेगुलेटरी फ्रेमवर्क के तहत कानूनन कमी का आयोग के सामने पूरा आधार और सरप्लस मौजूद है।
इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा जब नोएडा में सीलिंग टैरिफ के नाम पर डाटा सेंटर की बिजली दरों में 10 प्रतिशत से ज्यादा की कमी करने का निर्णय विद्युत नियामक आयोग ने लिया है तो ऐसे में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर निकल रहे लगभग 33122 करोड के एवज में बिजली दरों में कमी को मंजूरी नियामक आयोग कब देगा, जबकि इस मामले को लेकर उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग के सामने पहले ही याचिका डाल रखी है जिस पर पावर कारपोरेशन ने कोई भी जवाब न देकर केवल अपटेल में मुकदमा दाखिल करने का सहारा लेकर अड़ंगा डाल रखा है जो विधिक रूप से मान्य नहीं है।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा जो प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का कुल 33122 करोड सरप्लस निकला है वह विद्युत नियामक आयोग द्वारा ही निकाला गया है। ऐसे में प्रदेश के उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कमी महज केवल इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि पावर कॉरपोरेशन पिछले दरवाजे अडंगा लगा रखा है ऐसे में अब विद्युत नियामक आयोग आगे जाकर प्रदेश के 3 करोड 30 लाख विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में कमी करके एक अच्छा संदेश दे अन्यथा पूरे प्रदेश में एक गलत संदेश जाएगा कि उद्योगपतियों के लिए उद्योगपतियों द्वारा स्थापित डाटा सेंटर की दरों में कमी तो हो गई लेकिन आम जनता की दरों में कमी नहीं हो रही है।