सीएमएस ऑडिटोरियम में विश्व एकता सत्संग
लखनऊ, 17 मार्च 2019: सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए बहाई धर्मानुयायी, सीएमएस की संस्थापिका-निदेशिका डा. भारती गाँधी ने कहा कि विश्व सरकार के गठन से ही विश्व मानवता का कल्याण सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को प्रारम्भ से ही भौतिक, सामाजिक व आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान की जाती है ताकि वे बड़े होकर विश्व सरकार के गठन में अपेक्षित सहयोग कर सकें, और इसीलिए छात्रों को ‘जय जगत’ का नारा दिया गया है।
विश्व एकता सत्संग में आज छात्रों ने जहाँ एक ओर संस्कृत में श्लोक का वाचन कर आध्यात्मिक उल्लास जगाया तो वहीं दूसरी ओर नुक्कड़ नाटक ‘जागो भारत जागो’ की प्रस्तुति के माध्यम से पाॅलीथीन का प्रयोग न करने एवं वातावरण को स्वच्छ रखने का संदेश दिया।
बच्चों को स्वार्थ नहीं, परमार्थ के लायक बनायें: डा. जगदीश गाँधी
सीएमएस के विभिन्न कैम्पसों द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का आयोजन
लखनऊ, 17 मार्च 2019: ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ के भव्य आयोजन के मौके पर प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बच्चे का जन्म स्वार्थ सिद्धि के लिए नहीं, अपितु परमार्थ के लिए हुआ है। उन्होंने कहा कि बच्चे तो परमात्मा के आज्ञाकारी पुत्र अर्थात युवराज बनकर इस संसार की सेवा करने के लिए पैदा हुए है, अतः परमात्मा के दिव्य गुणों जैसे सदाचार, ईमानदारी, अहिंसा, न्याय, सहयोग आदि जीवन मूल्यों को बच्चों में प्रारम्भ से ही रोपित करें।
इससे पहले, ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) के छात्रों ने शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरी, वहीं दूसरी ओर छात्रों ने लघु नाटिका, नृत्य, एरोबिक्स आदि की प्रस्तुतियों भी दी। समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया।
अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए सीएमएस गोमती नगर कैम्पस की वरिष्ठ प्रधानाचार्या सुश्री मंजीत बत्रा ने कहा कि छात्रों का सर्वांगीण विकास कर ‘टोटल क्वालिटी पर्सन’ बनाने को दृढ़-संकल्पित है, परन्तु यह कार्य अभिभावकों के सहयोग के बगैर संभव नहीं हैं।
इसी प्रकार, सीएमएस महानगर कैम्पस की प्रधानाचार्या डा. कल्पना त्रिपाठी ने कहा कि बालकों को ज्ञान-विज्ञान, कला, शिल्प, खेलकूद आदि में उत्कृष्टता अर्जित करने के लिए प्रत्येक प्रयास पूरे मनोयोग तथा एकाग्रता के साथ करना चाहिए। सर्वांगीण शिक्षा के माध्यम से प्रत्येक छात्र परिवार, समाज और विश्व के लिए एक आदर्श नागरिक बन सकता है।