कार पर बैठा और ले गया अपने घायल हमसफ़र के पास – प्लास्टिक के जाल से आज़ाद होते ही दोनों ने जो किया, देखकर आँखें भर आईं
नई दिल्ली, 24 नवंबर 2025, पर्यावरण डेस्क : जंगलों की गहराइयों से कभी-कभी ऐसी कहानियाँ निकलती हैं जो मानव हृदय को छू जाती हैं, याद दिलाती हैं कि प्रेम की अभिव्यक्ति की कोई सीमा नहीं होती। एक ऐसा ही मार्मिक वाकया सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जहाँ एक सफेद उल्लू ने एक साधारण आदमी की जिंदगी को असाधारण बना दिया। यह कहानी न केवल एक जानवर की बुद्धिमत्ता को उजागर करती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि मदद का एक छोटा-सा कार्य कितना बड़ा आभार जगा सकता है।
यह घटना तब घटी जब एक व्यक्ति अपनी लाल रंग की जीप से जंगल के रास्ते पर गुजर रहा था। अचानक, एक चमकीला सफेद उल्लू – जो स्नो उल्लू जैसा लग रहा था – आकाश से उतरकर उसकी कार की छत पर जबरदस्ती बैठ गया। व्यक्ति हैरान था; उल्लू न तो उड़ रहा था, न ही डर दिखा रहा था। इसके बजाय, यह बार-बार पंख फड़फड़ाते हुए एक खास दिशा की ओर इशारा कर रहा था, मानो कोई पुराना दोस्त रास्ता बता रहा हो। “मैंने सोचा, शायद यह भूखा है या घायल,” व्यक्ति ने बाद में वीडियो में बताया। लेकिन उल्लू की आँखों में कुछ और था – एक गहरी, बेचैन चिंता।

विश्वास करते हुए, व्यक्ति ने उल्लू के इशारे पर कार मोड़ ली। जंगल की पत्तियों भरी राहों से गुजरते हुए वे एक सुनसान स्पॉट पर पहुँचे, जहाँ पेड़ों की छाँव में कुछ असामान्य दिखा। वहाँ, एक व्यस्क मेल उल्लू – संभवतः ग्रेट हॉर्न्ड उल्लू – एक पॉलीथिन बैग जैसे प्लास्टिक के जाल में बुरी तरह फँसा हुआ था। उसके पंख बेबस थे, चोंच थकान से लटक रही थी, और आँखें दर्द से भरी हुईं। “मैंने तुरंत कार रोकी और सावधानी से उसे मुक्त किया। प्लास्टिक इतना कसा हुआ था कि उसके पंख कटने की नौबत आ चुकी थी,” व्यक्ति ने बयान दिया। कुछ ही मिनटों में, उल्लू आजाद हो गया – धीरे-धीरे अपने पंख फैलाए, मानो वर्षों का बोझ उतर गया हो।
फिर आया वह पल जो व्यक्ति को आज भी स्तब्ध कर देता है। मुक्ति के बाद, दोनों उल्लू – सफेद उल्लू और वह व्यस्क मेल – एक-दूसरे के करीब आए। वे पंखों से हल्के-हल्के छूने लगे, चोंचों से एक-दूसरे को सहलाने लगे, और फिर एक साथ जंगल की ओर उड़ चले। लेकिन उड़ान से पहले, उन्होंने ठहरकर व्यक्ति की ओर देखा। यह कोई साधारण नजर नहीं थी; यह आभार की एक मौन भाषा थी। “वे दोनों ने मेरी ओर पलटकर देखा, जैसे कह रहे हों – धन्यवाद, दोस्त।” व्यक्ति की आवाज वीडियो में काँप रही थी। यह दृश्य इतना भावुक था कि देखने वाले की आँखें नम हो गईं।
यह वीडियो, जो एक्स (पूर्व ट्विटर) पर @Gabriele_Corno द्वारा शेयर किया गया, मात्र 24 घंटों में 8 लाख से अधिक व्यूज पा चुका है। हजारों लाइक्स और शेयर्स के साथ, यह प्रेम की सार्वभौमिकता का प्रतीक बन गया है। टिप्पणियों में लोग लिख रहे हैं: “प्रकृति हमें सिखाती है कि मदद का बदला आभार से चुकाया जाता है।” हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने इसे एआई-जनरेटेड कंटेंट बताया है, जो वास्तविकता को नकली तरीके से चित्रित करता है, लेकिन इसकी भावनात्मक गहराई असली लगती है। एक यूजर ने लिखा, “भले ही यह काल्पनिक हो, लेकिन यह सच्चाई तो बयान करता ही है कि जंगल में भी प्रेम की कोई जाति या प्रजाति नहीं होती।”
https://x.com/i/status/1992572116198170633
यह घटना पर्यावरण के प्रति जागरूकता भी फैला रही है। प्लास्टिक कचरे ने उल्लू जैसे शानदार पक्षियों को कितना खतरा पहुँचाया है, यह इस वीडियो का एक कड़वा संदेश है। विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों में फँसने वाले जानवरों की संख्या बढ़ रही है, और ऐसी घटनाएँ हमें याद दिलाती हैं कि मानव हाथ ही उनकी मुक्ति का सहारा हैं। व्यक्ति ने अंत में कहा, “उस दिन मैंने सिर्फ एक उल्लू को नहीं बचाया, बल्कि एक दोस्ती की शुरुआत की।”
प्रेम की यह उड़ान हमें सोचने पर मजबूर करती है – क्या हम भी प्रकृति की पुकार सुन पाते हैं? जंगल बुला रहे हैं, और उनकी भाषा प्रेम ही है।






