स्वच्छ हवा के प्रति सामूहिक कार्रवाई के लिए वायु गुणवत्ता हितधारकों को एकजुट करने वाला प्लेटफार्म
लखनऊ, 11 अगस्त, 2023: शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण से चिंतित संगठनों और व्यक्तियों के पास अब एक प्रभावशाली मंच ‘इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट प्लेटफॉर्म (आईसीएसी)’ है. ‘इंडिया क्लाइमेट कोलैबोरेटिव’ और ‘असर सोशल इम्पैक्ट एडवाइजर्स’ के सहयोग से इसे ‘सेंसिंग लोकल’ द्वारा तैयार किया गया है. यह भारत में वायु गुणवत्ता पर कार्य करने वालों और इसके लिए संसाधन उपलब्ध कराने वालों के लिए एक सशक्त समुदाय-केंद्रित डिजिटल हब है, जिसका उद्देश्य वायु गुणवत्ता के मुद्दे पर सहयोगात्मक कार्रवाई को सुगम बनाना और देश में वायु प्रदूषण पर अग्रिम कार्रवाई करना है.
वायु प्रदूषण भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य के समक्ष मौजूद सबसे बड़े खतरों में से एक है. देश में हर साल होने वाली कुल मौतों में लगभग एक-तिहाई मौतें वायु प्रदूषण के कारण होती हैं. दुनिया के शीर्ष 50 सबसे प्रदूषित शहरों में से लगभग 70% भारत में हैं. इसके अलावा, अधिकांश भारतीय शहर डब्ल्यूएचओ के वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में लगातार विफल साबित हो रहे हैं, जिससे देश की अधिकांश आबादी वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों का सामना कर रही है. साथ ही, वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के बीच गहरा संबंध है और ये अक्सर एक-दूसरे को प्रभावित भी करते हैं. हालांकि, वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कई उपाय किए गए हैं, इस समस्या के समग्र समाधान के लिए विभिन्न हितधारकों (नीति निर्माता, नागरिक, संगठन और अन्य हितधारक) को उपायों पर कंधे-से-कंधा मिलाकर काम करने की आवश्यकता है.
अध्ययनों के मुताबिक वर्तमान में वायु गुणवत्ता बेहतर करने के लिए ऐसी व्यवस्थित कार्रवाई नहीं की जा रही है. सेंसिंग लोकल के सह-संस्थापक अंकित भार्गव ने कहा, “निरर्थक प्रयासों या इसके दोहराव को कम करने के लिए वायु गुणवत्ता संगठनों ने हितधारकों को एकजुट करने, सूचना और जानकारी संबंधी कमियों को दूर करने और क्षेत्रवार एवं प्रादेशिक प्रगति की निगरानी की तात्कालिक जरूरतों की पहचान की और इन्हें पूरा करने के लिए आईसीएसी तैयार किया गया. यह मंच साझा रिसोर्स पूल को बढ़ावा देने, समान समूहों के शिक्षण-प्रशिक्षण और प्रयासों को दिशा बद्ध करने के लिए जानकारियां, अवसर और आंकड़े एकत्र करता है.”
असर के चीफ ऑफ कम्युनिकेशन्स एंड इंगेजमेंट बृकेश सिंह ने कहा, “वायु प्रदूषण जटिल चुनौती है जिससे निपटने के लिए सभी हितधारकों की सामूहिक कार्रवाई जरूरी है. इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट मुख्य कमियों को दूर करने और व्यापक इकोसिस्टम सहयोग, क्षेत्रीय साझेदारी और नवीन समाधानों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. यह अनूठा और विशिष्ट वेबसाइट विभिन्न वायु गुणवत्ता तत्वों को एक साथ लाता है, उनकी कोशिशों को मज़बूत करता है और इकोसिस्टम को फलने-फूलने का मौका देता है.”
इसके अलावा, आईसीएसी लोकोपकारी वित्तीय सहायता प्राप्त करने का महत्वपूर्ण अवसर भी प्रदान करता है. इंडिया क्लाइमेट कोलैबोरेटिव के सीईओ श्लोका नाथ ने कहा, “भारत में वायु गुणवत्ता इकोसिस्टम अव्यवस्थित है और इसे मिलने वाली बहुत कम वित्तीय मदद भी खास भौगोलिक क्षेत्रों और संगठनों तक ही सीमित है. इस वास्तविकता को पहचानते हुए, आईसीएसी प्लेटफ़ॉर्म इकोसिस्टम के प्रति ऐसा नजरिया अपनाता है, जो भारत में प्रभावी स्वच्छ वायु कार्रवाई के लिए महत्वपूर्ण है. यह मंच फंडर्स को वायु गुणवत्ता पर काम करने वाले विभिन्न हितधारकों के साथ सहभागिता करने, साक्ष्य के आधार पर इकोसिस्टम की प्राथमिकताओं को समझने और समान विचार वाले हितधारकों की खोज कर उनके साथ साझेदारी करने का सार्वजनिक स्थान उपलब्ध करा सकता है”.
सामूहिक प्रयास नीतियों को दिशाबद्ध करते हैं, सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाते हैं, स्वास्थ्य संबंधी दुष्प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करते हैं और स्थानीय सीमाओं से आगे जाकर दीर्घकालिक सुधारों को बढ़ावा देते हैं. इंडिया क्लीन एयर कनेक्ट का लक्ष्य भारत में स्वच्छ हवा संबंधी सहयोगी तंत्र की इस क्षमता का उपयोग करना है, ऐसे में यह वायु गुणवत्ता क्षेत्र में काम करने वाले सभी हितधारकों को इस मंच में शामिल होने, सहयोग करने और सभी के लिए स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य की दिशा में सामूहिक रूप से काम करने के लिए आमंत्रित करता है.