धार्मिक भावनाएं आहत करने से जुड़ी एफआईआर रद्द
नई दिल्ली, 31 अगस्त 2018: अदाकारा प्रिया प्रकाश के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाने के मामले में उन्हें बड़ी राहत मिली है। बता दें कि प्रिया प्रकाश वारियर के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने का केस दर्ज हुआ था। बाद में यह मामला इतना बढ़ गया था कि बात सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंची। लेकिन हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को रद्द कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने तेलंगाना और महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों पर दायर मुकदमों को निरस्त करने संबंधी अभिनेत्री प्रिया प्रकाश की याचिका स्वीकार कर ली।
सूत्रों के अनुसार, न्यायालय ने प्रिया, मलयाली फिल्म ओरु अदार लव के निर्देशक उमर अब्दुल वहाब के खिलाफ दर्ज मुकदमे निरस्त करने का आदेश देते हुए कहा कि फिल्म में आंख मारने के दृश्य से भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए के प्रावधानों का कतई उल्लंघन नहीं होता है।
न्यायालय ने कहा कि इससे संबंधित किसी भी आपराधिक मुकदमे की सुनवाई नहीं की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश ने एक सरकारी वकील पर टिप्पणी की, किसी व्यक्ति ने फिल्म में एक गाना गाया और आपके पास मुकदमा दर्ज करने के अलावा कोई और काम नहीं है।
बता दें कि फिल्म का गाना श्माणिक्य मलारया पूवी के रिलीज होने के साथ ही हैदराबाद में एक याचिका दायर की गयी थी और इसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया था। मुंबई के एक संगठन ने भी इसे लेकर मुकदमा दर्ज कराया था। अंततै फिल्म की एक्ट्रेस और निर्माता-निर्देशक को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था।