डॉ दिलीप अग्निहोत्री


उन्होंने भारत की जिम्मेदारी भी बताई। भारत आतंकवाद से मानवता की रक्षा में सहयोग देगा। इसके अलावा जल संरक्षण, पॉलीथिन मुक्ति,शौचालय, निर्धन आवास, ऊर्जा, किसान सम्मान, किसानों की आमदनी बढ़ाना, निवेश, रोजगार का संकल्प व्यक्त किया। जबकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री दुश्मनी और नफरत से ही बाहर नहीं निकल सके। उनका मुख्य भाषण गुलाम कश्मीर में हुआ। अव्वल तो यह उनके भय को उजागर करता है। उन्हें डर सताने लगा है कि भारत अपने इस हिस्से को वापस ले सकता है।
उनके पूरे भाषण में यही डर झलकता रहा, मोदी ने पाकिस्तान का नाम लेना जरूरी नहीं समझा, इमरान भारत भारत रटते रहे। इतना ही नहीं वह नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का नाम दर्जनों बार दोहराते रहे। इमरान विचारधारा की दुहाई दे रहे थे। जो मुल्क आतंकवाद को संरक्षण देता हो, उसका विचारधारा की दुहाई देना हास्यास्पद ही लगता है।