धर्म की आड़ लेकर कश्मीर मसले पर ट्रम्प की मध्यस्थता नहीं चलने देगा भारत
नई दिल्ली,22 अगस्त 2019: कश्मीर में धारा 370 और 35 ए हटने से पकिस्तान की ओर से मची हाय -तौबा के बीच अब अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प भी धर्म का सहारा लेकर कूद आये है और उन्होंने कश्मीर मसले पर तीसरी बार मध्यस्थता की पेशकश की है। उन्होंने हिन्दू-मुस्लिम का राग भी अलापा और कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस हफ्ते के आखिर में यह मुद्दा उठाएंगे। ट्रंप का इशारा फ्रांस में इसी हफ्ते के आखिर में होने वाली जी-7 सम्मेलन में मुलाकात की ओर था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार ने हालांकि औपचारिक रूप से इस पर कोई बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सरकार के सूत्रों ने साफ किया है कि कश्मीर पर ट्रंप की मध्यस्थता की कोशिश को तवज्जो नहीं दी जाएगी। ट्रंप के हिन्दू-मुस्लिम कार्ड को इस मसले पर नहीं हाल्ने दिया जायेगा।
दोनों देशों के बीच बड़ी परेशानियां हैं: -डॉनल्ड ट्रंप, अमेरिकी राष्ट्रपति
दोनों देशों (भारत-पाक) के बीच बड़ी परेशानियां हैं। यह दशकों से है। इसे सुलझाने के लिए मैं मध्यस्थता कर सकता हूं या फिर कुछ और, जो भी बेहतर हो।
जी-7 में जताएंगे नाराजगी:
फ्रांस में जी-7 की बैठक रविवार को मुलाकात में ट्रंप के साथ संभावित मुलाकात में मोदी अपनी बात रखेंगे और माना जाता है कि उसके बाद जारी साझा बयान में स्थिति स्पष्ट की जा सकती है। रविवार को मोदी की ट्रंप से अलग से मुलाकात हो सकती है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है। वहीं, फ्रांस, ब्रिटेन और बांग्लादेश ने कश्मीर मुद्दे पर भारत का साथ दिया है।