केंद्र में नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने शिल्पकारी को बढ़ावा देने के अनेक कारगर प्रयास किये है। उत्तर प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद योजना भी कारगर साबित हो रही है। हुनर हाट के माध्यम से भी शिल्पकारी व अन्य कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। लखनऊ में भी हुनर हाट का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर अपनी सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया, वहीं पिछली सरकारों पर लापरवाही का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि शीलकला के मामले में उत्तर प्रदेश पहले नम्बर एक था। लेकिन पिछली सरकार के समय इसकी उपेक्षा की गई। इससे दस्तकारी शिल्पकारी बंदी की कगार पर पहुंच गई।
केंद्र व प्रदेश की वर्तमान सरकारों के प्रयास से शिल्पकला व दस्तकारी को पुनः पटरी पर लाया गया है। कारीगरों को प्रोत्साहन व सुविधा देने के लिए अनेक कदम उठाए गए। उत्पादों को एक उचित प्लेटफार्म देने पर विशेष ध्यान दिया गया। वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट की योजना से भी हुनर आधारित कुटीर व लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका प्रभाव भी दिखाई देने लगा है। कारीगरों के उन्नीस प्रतिशत उत्पाद बाहर भेजे गए। जबकि पहले मात्र आठ प्रतिशत उत्पाद ही बाहर भेजे जाते थे।
प्रदेश का प्रत्येक जनपद अपनी औद्योगिक पहचान मिल रही है। माटी कुम्हार, लोहार उनके परंपरागत कला को आगे बढ़ाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जा रही है। प्रशिक्षित कारीगरों को सरकार की तरफ से टूल किट दिया जा रहा है जिससे वो अपना काम शुरू कर सके।
इसी के साथ मुख्यमंत्री रोजगार योजना से ऋण की व्यवस्था भी की गई है। कुम्हारों को तालाबों की सफाई का ठेका देना सुनिश्चित हुआ,वह इसकी मिट्टी का अपने रोजगार हेतु निशुल्क उपयोग कर सकते है।
- डॉ दिलीप अग्निहोत्री