पुलिस और वन विभाग ने गावं वासियों को चेताया कहा अंधेरे में न निकलें बाहर
लखनऊ, 21 दिसंबर : ठंढ में एक बार फिर बाघ का आतंक रहमानखेड़ा और आसपास के इलाकों में छाया है। ग्रामीण बाघ की दहशत से परेशान हैं। पुलिस और वन विभाग लगातार कॉम्बिंग कर रही हैं बाघ को पकड़ने में लगभग 35 टीमें लगीं हैं लेकिन बाघ चकमा देने में माहिर है क्योंकि वह सीसीटीवी कैमरे में कई बार कैद हो चुका है लेकिन पकड़ा नहीं गया।
मीडिया रिपोर्ट और सूत्रों के अनुसार बाघ की तलाश में करीब 3 सप्ताह से लगीं टीमें अभी तक नाकाम हैं। वह लगातार वन विभाग की टीम के साथ लुका छिपी खेल रहा है। पुलिस भी कॉम्बिंग कर रही है। रहमान खेड़ा के जंगल बाघ की दस्तक से लोग सहमे हुए हैं। वहीं गांव को येलो और रेड जोन में रखा गया है। उसके पकड़ने के लिये तीन टीमें लखनऊ की है। 4 रेंजर लखनऊ के लगे हुए है । इस मामले में हरिलाल को नोडल ऑफिसर बनाया गया है। यहां पर दो पिंजरे और 12 कैमरे लगा रखे है (डब्ल्यूटीआई) की टीम भी यहां पर आ चुकी है, लेकिन वन विभाग का आपरेशन अभी तक कोरा ही साबित हुआ है।
डीएफओ शीतांशु पांडेय ने लोगों से अपील में बताया कि जरूरत पर ग्रामीण झुंड के साथ निकलने की बात की है। जानकारी के अनुसार बाघ को पकड़ने के लिए टीमों में दो टीमें लखीमपुर और सीतपुर से आ गई है। तीन टीमें लखनऊ की है 4 रेंजर लखनऊ के लगे हुए है।
कैमरे में कैद हुआ बाघ:
बता दें कि बाघ की लोकेशन ज्यादातर रहमान खेड़ा इंस्टिट्यूट से 4 से 5 किलोमीटर के रेज में पाई जा रही है। बाघ की लोकेशन सुबह मंडौली और उलरापुर गांव के पास मिली है। नोडल अधिकारी हरिलाल गांव जाकर ग्राम प्रधानों को जागरूक कर बताया की गांव के लोग सुबह से पहले और शाम के बाद न निकले। पुलिस ने ग्रामीणों से अपील की है कि वह लोग अपनी सुरक्षा खुद रखे रात को बाहर न निकले अगर बेहद जरुरी है तो झुंड में निकले।
येलो जोन में हैं यह दो गांव:
डीएफओ ने बताया कि बाघ के आस पास के एरिया को येलो जोन बोला जाता है। इस समय मंडौली और उलरापुर गांव को येलो जोन में है। रेड जोन की बात नही करेंगे क्योंकि बाघ अभी गाव के अंदर नही जा रहा है। केवल नाला के आसपास के एरिया को वह पकड़े हुए | है। इसी के आसपास उसकी लोकेशन ट्रेस हो रही है।