जलवायु परिवर्तन को लेकर आयी राहत भरी खबर
नई दिल्ली, 18 सितंबर: पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए अहम ओजोन परत में निरंतर सुधार हो रहा है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन के एक नए अध्ययन में मजबूत तथ्यों के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है। ओजोन परत एक रक्षा ऐसा कवच है जिसके जरिए हानिकारक अल्ट्रावायलेट (पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी पर जीवन को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है।
ओजोन परत हमारा सुरक्षा कवच है जो सूर्य की हानिकारक किरणों से हमें बचाता है। इसे नष्ट होने से बचाना हम सबकी साझी ज़िम्मेदारी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूएन एजेंसी का वार्षिक ‘ओजोन व पराबैंगनी’ बुलेटिन को ‘विश्व ओजोन दिवस’ के अवसर पर जारी किया गया है, जिसे ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल’ और उसमें हुए संशोधन ‘किगाली समाझौता’ को लागू करने के सिलसिले में मनाया जाता है। इन अंतरराष्ट्रीय समझौतों के परिणामस्वरूप ओजोन को गम्भीर नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के उत्पादन पर रोकने में मदद मिली थी।
ओजोन परत पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों से बचाती है, जो त्वचा कैंसर, नेत्र रोग और फसल क्षति का कारण बन सकती हैं। औद्योगिक प्रदूषण और रसायनों के कारण यह परत क्षीण हो रही है। इसलिए, हमें प्रदूषण को नियंत्रित करने और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है।
अतीत में किए गए अध्ययन में चेतावनी जारी की गई थी कि फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन और आयोडिन समेत ऐसे अनेक रसायन हैं, जिनके इस्तेमाल से ओजोन परत को नुकसान पहुंच रहा है। विभिन्न उत्पादों के लिए तैयार किए जाने वाले क्लोरोफ्लोरोकार्बन समेत अन्य रसायन व पदार्थ, ओजोन परत में छेद कर रहे थे, जिन्हें एयरोसोल्स, रेफ्रिजरेशन सिस्टम और वातावरण को ठंडा रखने के लिए चलने वाली मशीनों में भारी मात्रा में पाया जाता है। रिपोर्टों में कहा गया था कि ओजोन परत में छेद होने की वजह से सूरज से निकलने वाली खतरनाक अल्ट्रावायलेट किरणों का विकिरण, पृथ्वी तक पहुँचने लगा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ओजोन परत में हो रहे सुधार का स्वागत करते हुए कहा कि इन रक्षा उपायों को जारी रखा जाना होगा। उन्होंने ध्यान दिलाया कि प्रोटोकॉल का किगाली संशोधन, गर्माती जलवायु के लिए जिम्मेदार शक्तिशाली गैस हाइड्रोफ्लोरोकार्बन का इस्तेमाल चरणबद्ध ढंग से हटाने पर केंद्रित है। इस संशोधन से कार्बन उत्सर्जन में कटौती लाने, आम नागरिकों व पृथ्वी की रक्षा सुनिश्चित करने में योगदान दिया जा सकता है। जैसे-जैसे तापमान के रिकॉर्ड का ध्वस्त होना जारी है, इसी की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है।