साहित्य अपने सिर का ठीकरा, दूजे के सिर फोड़ By - September 17, 2018 0 572 जीवन जीना सीख ले, हर मुश्किल का तोड़। अपने सिर का ठीकरा, दूजे के सिर फोड़।। दूजे के सिर फोड़, सगा हो उसे दगा दे, जिसके बल पर जिए, उसी का लगा दे काम, झूठ बोल भरपेट, सत्य के घूट न पीना। कलयुग का है दौर, सीख ले जीवन जीना।। सीएम त्रिपाठी