साहित्य किस मुँह से फिर कहें, मुबारक हो आजादी August 13, 2018 0 1305 आजादी को हो रहे, आज बहत्तर साल। लोकतंत्र आज बौना हुआ, नेता मालामाल।। नेता मालामाल, करें व्यारे के न्यारे, जनता का दुर्भाग्य कड़ी है हाथ पसारे, कल थी उजली, आज पाप ढोती है खादी। किस मुँह से फिर कहें, मुबारक हो आजादी।। -सीएम त्रिपाठी Please follow and like us: