लखनऊ, 08 मई। प्रदेश में खेलों के विकास व खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं दिए जाने के संबंध में विचार-विमर्श करने के लिए माननीय श्री चेतन चौहान (खेल व युवा कल्याण मंत्री, उत्तर प्रदेश) के साथ उत्तर प्रदेश ओलंपिक संघ एवं राज्य के अन्य खेल संघों के अध्यक्ष व सचिवों की बैठक केडी सिंह बाबू स्टेडियम में संपन्न हुई। बैठक में वॉलीबाल संघ से सुनील कुमार तिवारी, राइफल संध से रामेंद्र शर्मा, हॉकी संघ से डा.आरपी सिंह, तैराकी संघ से रविन कपूर, ट्रायथलान से एसएस दत्ता, रोइंग से हरीश चंद्र शर्मा, बास्केटबॉल से भूपेंद्र शाही, ताइक्वांडो से सी के शर्मा, साइकिलिंग से राजेंद्र कुमार गुप्ता, एथलेटिक्स से पीके श्रीवास्तव, टेनिस से नवनीत सहगल, खो-खो से विनोद कुमार सिंह, भारोत्तोलन से हरभजन सिंह, बैडमिंटन से अरूण कक्कड़, हैंडबॉल से आनन्देश्वर पाण्डेय, कबड्डी से राजेश कुमार सिंह, कराटे से टीपी हवेलिया व जसपाल सिंह, वुशू संध से मनीष कक्कड़ तथा जूडो से आयशा मुनव्वर भी उपस्थित थे।
माननीय खेल मंत्री ने खेल संघों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि अगले दो-तीन सालों में सरकार और खेल संघों को मिलकर ऐसे प्रयास करने चाहिए कि प्रदेश के कम से कम पांच खिलाड़ी ओलंपिक मेडल जीतकर लाए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस दिशा में प्रयास तो खेल संघों को ही करना होगा, सरकार तो उनके सहयोगी की भूमिका में पीछे खड़ी रहेगी और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में किसी प्रकार का अभाव नहीं होने देगी।
खेल निदेशक डा.आरपी सिंह ने अवगत कराया कि खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयासरत है और पहले जहां खिलाड़ियों को किट के लिए 1000 रूपए मिलते थे उसे बढ़ाकर 2500 रूपए कर दिया गया है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल विजेता खिलाड़ियों को जहां नगद पुरस्कार प्रदान किए जा रहे है, वहीं सरकार वरिष्ठ खिलाड़ियों के लिए एक पेंशन योजना भी लागू करने जा रही है। सरकार का यह प्रयास है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाले खिलाड़ियों को नगद पुरस्कार के साथ-साथ उन्हें सरकारी सेवा में नियुक्ति पत्र भी प्रदान किए जाए। प्रदेश के 67 जिलों में खेल स्टेडियम और 68 जिलों में बहुउद्देश्यीय हाल तैयार किए जा रहे है।