जी के चक्रवर्ती
प्राकृतिक आपदाओं और घटनाओं का वास्ता मनुष्यों का प्राचीन काल से होता आया है या आप प्रकृति के अनुकूल ढल जाइए या फिर यदि आप उससे आप छेड़छाड़ या उसका अत्यधिक दोहन करते हैं तो जलवायु परिवर्तन जैसे परिणाम झेलने के लिए तैयार रहिये।
जहां तक आजकल देश में वर्षा अर्थात बारिश की बात करें तो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से लेकर बंगाल तक के राज्यों के मौसम में अचानक हुये बड़े बदलाव के कारण देश के वैज्ञानिक भी हैरान परेशान हो हैं तो दूसरी ओर देश के लोग भी विशेषतः ग्रामीण क्षेत्रों के किसान लोग भी हतप्रभ हैं। जैसा कि मौसम वैज्ञानिकों द्वारा 15 – 16 सितम्बर 2021 तक अत्याधिक बारिश होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया था। लेकिन इस पूर्वानुमान के बाद जो तूफानी बारिश हुयी उससे जनजीवन पर बेहद बुरा असर पड़ा। जानमाल का नुकसान तो हुआ ही साथ ही भूस्खलन एवं सड़क धंसने जैसी घटनाये बहुतायात हुयी, सच कहा जाये तो यह भयानक जलप्रलय जैसी आपदा रही जिससे लोगों को उबरने में कुछ दिन लगेंगें।
मालूम हो कि मौसम वैज्ञानिकों के बारिश होने के घोषणा के बावजूद तापमान में लगातार वृद्धि पर स्वयं उन्हें चिंता व हैरानी हैं। ऐसा अभी 12 सितम्बर रविवार 2021 से पहले तक अधिकतम तापमान 30 डिग्री और न्यूनतम 22 डिग्री रहा था लेकिन रविवार के दिन अधिकतम तापमान 33 और न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का ग्राफ तापमान में अचानक हुई इस तरह की वृद्धि से जहां एक ओर गर्मी बढ़ गई तो दूसरी ओर उसम बढ़ने से लोग दिनभर पसीने-पसीने होते रहना स्वभाविक सी बात है। लोग गर्मी और उमस से परेशान और बेहाल हुये।
वैसे सन् 1800 में जॉन डॉल्टन ने वायुमंडल में जलवाष्प के परिवर्तनों पर और वायु के प्रसार तथा वायुमंडलीय संघनन के सम्बन्ध में प्रकाश डाला तभी से आधुनिक ऋतुविज्ञान का आधार स्थापित हुआ था।
इस बार मानसून पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अपेक्षा पूर्वी भाग पर अधिक मेहरबान रहा है। सावन कहे या फिर अगस्त का महीना इंद्र देव दिल्ली के आसपास उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों को वर्षा जल से वंचित रखा इसलिए यहां पर औसत के अनुरूप बारिश नहीं हुई, जिससे पूरे सावन भर लोग गर्मी झेलने के लिये मजबूर हुए। हालांकि भादों के लगते ही इंद्रदेव प्रसन्न हुए तो मौसम ने भी अपना रूख बदल दिया। इसके बाद तो 15 सितंबर से अब तक जमकर झमाझम बारिश होने से कहीं कहीं पर तो बाढ़ जैसी स्थिती का सामना करना पड़ा।
लखनऊ सहित इसके आसपास इलाकों के 13 जिलों में तेज हवाओं एवं तूफान के साथ बुधवार 16 सितम्बर सुबह से शुरू हुई बारिश गुरुवार के दिन भी रुक-रुक कर लगातार जारी रही। बारिश से तापमान में गिरावट होने से लोगों को गर्मी व उमस से राहत मिली, जिससे मौसम खुशनुमा हो गया। हालांकि बारिश के कारण लोगों को आवागमन करने में असुविधा का सामना जरूर करना पड़ा है। वहीं शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जलभराव की समस्या से भी दो-चार होना पड़ा। बंगाल की खाड़ी के साथ ही जम्मू कश्मीर में निम्न दबाव का क्षेत्र विकसित होने से मौसम में फिर से परिवर्तन शुरू हुआ है। मंगलवार देर रात से रुक-रुक कर शुरु हुई बारिश बुधवार और फिर गुरुवार को भी पूरे दिन जारी रही। तेज हवा के साथ हुई बारिश से अधिकतम तापमान में गिरावट होने से मौसम बहुत खुशनुमा हो गया था।








