नई दिल्ली 3 सितम्बर। कैबिनेट विस्तार पर फैसला आते ही कुछ मे ख़ुशी है तो कुछ मे अंदर ही अंदर नाराजगी! वहीं आज नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान झांसी से बीजेपी सांसद उमा भारती शामिल नहीं हुईं। जिससे उनकी नाराजगी साफ़ देखी जा सकती है वह अपने संसदीय क्षेत्र झांसी में ही हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि उमा भारती केंद्रीय नेतृत्व से बेहद खफा हैं। जिसके चलते उन्होंने आज के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं की।
बुंदेलखंड प्रांत बनाने के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा किया:
इससे दो दिन पहले ही ललितपुर पहुंची केंद्रीय जल संसाधन मंत्री एवं स्थानीय सांसद उमा भारती ने बुंदेलखंड प्रांत बनाने के प्रश्न पर भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश की सरकार के मंत्रियों को कटघरे में खड़ा कर दिया। उमा भारती ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार के ही कुछ मंत्री नहीं चाहते कि बुंदेलखंड प्रांत का निर्माण हो।
उन्होंने कहा की मध्य प्रदेश के मंत्रियों ने यहां तक कहा कि यदि मध्य प्रदेश का हिस्सा बुंदेलखंड में जोड़ते हैं तो वह अनशन पर बैठ जाएंगे। जब पत्रकारों ने पूछा कि इस तिमाही में विकास दर घटकर साढ़े 5 प्रतिशत हो गई है।
तो क्या यह मोदी सरकार की असफलता नहीं है। इस प्रश्न को टालते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा इस पर शोध किए जाने की आवश्यकता है ।
पूर्व पीएम के केन-वेतवा प्रोजेक्ट पर:
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का ड्रीम प्रोजेक्ट केन-बेतवा लिंक परियोजना पर हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के एक व्यान से यह योजना खटाई में पड़ गई है। इस प्रश्न के उत्तर पर उमा भारती ने कहा यह प्रश्न को शिवराज सिंह चौहान से ही पूछा जाना चाहिए कि उनके मन में क्या चल रहा है ।
रविवार को हुए फेरबदल में उमा भारती से जल संसाधन एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय लेकर उनको पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय दिया गया है। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री उनके काम-काज से खुश नहीं थे।
उमा भारती जब केंद्रीय जल संसाधन और गंगा संरक्षण मंत्री बनीं थीं तब उन्होंने कहा था कि वह गंगा को साफ करके ही मानेंगी वरना जल समाधि ले लेंगी।
वहीं पिछले तीन साल से ज्यादा का वक्त बीत गया लेकिन गंगा की सफाई को लेकर कोई बड़ा असर नहीं दिखा। कोर्ट और NGT ने केंद्र सरकार को इस मामले पर फटकार लगाई है।