डॉ दिलीप अग्निहोत्री
कोरोना महामारी ने दुनिया के सभी देशों की औद्योगिक प्रगति को बाधित किया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश को निवेश प्रस्ताव मिलना महत्वपूर्ण है। कोरोना की पहली लहर के दौरान ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए प्रयास शुरू किए थे। तब आपदा प्रबंधन के साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया था। उनका कहना था कि चीन में निवेश के प्रति बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का आकर्षण समाप्त हो रहा है। ऐसे में भारत के लिए अवसर है। सबसे बड़े प्रदेश के रूप में उत्तर प्रदेश को इसके लिए विशेष प्रयास करने होंगे।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पारदर्शी और व्यवस्थित नीतियां बनायी गयी हैं, जिससे निवेशकों को निवेश में कोई समस्या ना हो। प्रदेश सरकार द्वारा निवेशपरक और रोजगारपरक उद्यमों की स्थापना के साथ ही, अधिक से अधिक फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट एफडीआई आकर्षित करने के प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार के निरन्तर प्रयासों से राज्य निवेशकों और उद्यमियों के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में सामने आया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी का क्षेत्र देश में निवेश का सर्वाधिक सम्भावना वाला क्षेत्र है। यहां पर निवेश के प्रस्ताव लगातार प्राप्त हो रहे हैं।
66 हजार करोड़ के प्रस्ताव
कोरोना काल खण्ड के दौरान प्रदेश में अब तक छछठ हजार करोड़ रुपये के छियानबे निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन निवेश प्रस्तावों में से अठारह निवेशकों की सोलह हजार करोड़ रुपये की निवेश परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही पूरी हो गयी है। निवेशकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इन्वेस्ट यूपी के स्तर पर विगत वर्ष अप्रैल से डेडिकेटेड हेल्पडेस्क संचालित की जा रही है। योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी देश विदेश के निवेशकों ने राज्य सरकार की इन्वेस्टर फ्रेण्डली नीतियों पर पूरा भरोसा जताते हुए निवेश के प्रस्ताव दिये हैं। प्रदेश के त्वरित औद्योगिक विकास तथा रोजगार सम्भावनाओं के विस्तार के लिए इन निवेश प्रस्तावों को प्राथमिकता पर क्रियान्वित कराया जाए। उन्होंने अधिकारियों को सभी निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए कार्ययोजना बनाकर उसका समयबद्ध और शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं।
ऑक्सीजन उत्पाद में निवेश
कोरोना बचाव दिशा निर्देशों के अनुरूप औद्योगिक इकाइयों का संचालित करने का कार्य किया है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि औद्योगिक गतिविधियों का दायरा बढ़ाते हुए कोरोना काल खण्ड में प्राप्त निवेश प्रस्तावों को शीघ्रता से लागू कराया जाए। इसके लिए निवेशकों से सतत सम्पर्क बनाये रखते हुए उन्हें नीति के अनुरूप हर सम्भव सुविधा और प्रोत्साहन उपलब्ध कराया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन्वेस्टर्स को अपने उद्यम की स्थापना करने में कोई असुविधा न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आक्सीजन उत्पादन में निवेश को प्रोत्साहित करते हुए राज्य को मेडिकल और इण्डस्ट्रियल आक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश आक्सीजन उत्पादन प्रोत्साहन नीति लागू की गयी है। इस नीति के आकर्षक प्राविधानों के परिणामस्वरूप आक्सीजन उत्पादन से जुड़ी अनेक प्रतिष्ठित कम्पनियों ने प्रदेश में आक्सीजन संयंत्र की स्थापना में रुचि दिखायी है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इन कम्पनियों के शीर्ष प्रबन्धन से नियमित सम्पर्क में रहते हुए परियोजनाओं को स्थापित कराने के लिए हर सम्भव सहयोग प्रदान करें। सभी लम्बित एमओयू के क्रियान्वयन के लिए सम्बन्धित विभाग प्रभावी कार्यवाही करें। राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा के अलावा जिलास्तरीय उद्योग बन्धु की बैठक के माध्यम से निवेशकों की स्थानीय समस्याओं का स्थानीय स्तर पर निराकरण किया जाए।