राजधानी लेसा सहित इलाहाबाद, मथुरा, बरेली, अलीगढ, आगरा, मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद सहित पूरे प्रदेश के अनेकों जनपदों में पुरानी तकनीकी के लगभग 12 लाख 2 जी 3जी स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए बना उत्पीडन करने वाला मीटर के खिलाफ उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष पहुंचे विद्युत नियामक आयोग दाखिल किया लोक महत्व जनहित प्रत्यावेदन उपभोक्ताओं के उत्पीडन पर लगायी रोक की मांग
लखनऊ 29 अगस्त : उत्तर प्रदेश में उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से परेशान हैं वजह स्मार्ट मीटर जो बकाया पर कनेक्शन कटने के बाद उपभोक्ताओं द्वारा पैसा जमा करने के बाद 8 से 10 घंटे में उपभोक्ता की चालू करता है इस मामले पर बिजली सप्लाई विद्युत नियामक आयोग अध्यक्ष ने कहा यह गंभीर मामला है इसकी जाँच होगी।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में सभी बिजली कंपनियों मे लगभग 12 लाख पुरानी तकनीकी के 2जी 3 जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर जो उपभोक्ताओं के लिए उत्पीडन मीटर साबित हो रहे हैं परिषद अध्यक्ष ने कहा कि लगभग 4 से 5 साल पहले शुरू हुआ यह प्रोजेक्ट पूरी तरह फेल साबित हुआ है। एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड की उदासीनता का खामियाजा प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता भुगत रहा इसके विरोध में आज उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मुलाकात कर एक जनहित प्रतिवेदन दाखिल करते हुए लेसा का उदाहरण देते हुए यह मांग उठाई कि राजधानी लखनऊ सहित इलाहाबाद, मथुरा, बरेली, अलीगढ, आगरा, मेरठ नोएडा, गाजियाबाद सहित अन्य जनपदों में जो 12 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं वह पूरी तरह ऑटोमेटिक काम नहीं कर रहे हैं उन्होंने कहा कि कहने को तो
यह स्मार्ट मीटर है लेकिन वह उत्पीडन मीटर साबित हो रहे हैं पूरे प्रदेश में यदि कोई भी स्मार्ट मीटर विद्युत उपभोक्ता जिसका बकाया पर बिजली कनेक्शन कट जाता है जब वह बकाया जमा करके अपना कनेक्शन पुनः जुड़वाना चाहता है तो कई मामलों में 8 से 10 घंटे तक उसका बिजली कनेक्शन जुड़ ही नहीं पाता, उपभोक्ता बिजली अधिकारियों के चक्कर लगाते लगाते पसीने बहा देता है तब कहीं जाकर उसका बिजली कनेक्शन जुडता है उन्होंने कहा कि इसी प्रकार कभी बारिश में बिजली चमकी तो मीटर बंद हो जाता है कभी स्वता सप्लाई बंद कर देता है लंबे समय से उपभोक्ता परिषद इसकी लडाई लड़ रहा है जिसकी एसटीएफ जांच तक हुई लेकिन किसी भी दोषी पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई और ना ही एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को ऊर्जा सेक्टर से बाहर किया गया न ही ब्लैक लिस्ट किया गया।
फिलहाल विद्युत नियामक आयोग ने कहा है कि वह उपभोक्ताओं का उत्पीड़न नहीं होने देगा और पूरे मामले की छानबीन कर उचित कार्रवाई करेगा।
क्या बोले उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष:
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग की वर्तमान में जो लगभग 27000 करोड के स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के यहां लगाए जा रहे हैं वह सभी बिजली कंपनियों की बात करें। उन्होंने कहा कि लगभग 40 से 45000 मीटर उपभोक्ताओं के घर में लग गए वह अभी आज तक बिलिंग सर्वर से नहीं जुडे हैं और ना ही प्रीपेड मोड में काम कर रहे हैं वह भी पोस्टपेड मोड में मैन्युअली काम कर रहे हैं ऐसे में जब जब प्रोजेक्ट शुरू होते ही या हाल है तो आने वाले समय में जब यह बिलिंग सर्वर से जुडेगा तब क्या हाल होगा या तो समय ही बताएगा लेकिन जिस प्रकार से बिजली कंपनियों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियों को उदासीनता बरतने की छूट दी जा रही है उसे या सिद्ध हो गया है कि या प्रोजेक्ट भी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड की तरह आने वाले समय में खिलाफ साबित होना तय है और यह भी प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए अभिशाप साबित होगा ऐसे में विद्युत नियामक आयोग पूरे मामले पर हस्तक्षेप करें।