23 जनवरी को ट्रांजैक्शन एडवाइजर की प्री बिड कॉन्फ्रेंस का होगा खुलकर विरोध
लखनऊ, 21 जनवरी : उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति ने कहां जिस प्रकार से उत्तर प्रदेश के 42 जनपदों वाले दक्षिणांचल व पूर्वाचल में निजीकरण को आगे बढ़ते हुए दलित व पिछड़े वर्ग का आरक्षण पूरी तरह समाप्त करने की साजिश की जा रही है उस पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री की चुप्पी अपने आप में सवालों के घेरे में है। पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने कहा दक्षिणांचल व पूर्वाचल के निजीकरण पर आरक्षण समाप्त किए जाने को लेकर पावर ऑफिसर एसोसिएशन प्रदेश के माननीय ऊर्जा मंत्री और प्रदेश के ऊर्जा राज्य मंत्री दोनों से मुलाकात कर अपनी बात रखी थी और आश्वासन दिया गया था कि मसौदा सामने आने पर इस मुद्दे पर बात की जाएगी अब ट्रांजैक्शन एडवाइजर की प्री बिड कॉन्फ्रेंस होने वाली है अभी भी प्रदेश के माननीय ऊर्जा मंत्री और ऊर्जा राज्य मंत्री जी चुप्पी साधे हैं इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें दलित व पिछड़े वर्ग क आरक्षण से कोई लेना देना नहीं है पहले उत्तर प्रदेश में पदोन्नति में आरक्षण छीन गया और अब आरक्षण समाप्त करने की कोशिश की जा रही है जिस किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि जिस तरह पावर कॉरपोरेशन निजीकरण को आगे बढ़ा रहा है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है संगठन की जब प्रबंधन के साथ वार्ता हुई थी उसे समय प्रबंधन ने कहा था हर मामले पर संगठनों की रैली जाएगी लेकिन जिस प्रकार से गुपचुप तरीके से कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रबंधन ने तय कर रखा है की 42 जनपदों का निजीकरण किया जाएगा आरक्षण का क्या होगा उससे उन्हें कुछ लेना देना नहीं है जिससे पूरे प्रदेश के दलित व पिछड़े वर्ग में काफी गुस्सा है।