छात्र का आरोप: BBAU ने किया सामाजिक भेदभाव
लखनऊ 12 अक्टूबर। BBAU प्रशासन एमफिल प्रवेश परीक्षा में टॉपर बसन्त कुमार कनौजिया को छात्रावास उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रहा है बसन्त का आरोप है कि नए छात्रो को रूम अलॉट हो रहे हैं लेकिन मुझे आए दिन रूम अलॉट करने के लिए कोई न कोई बहाना कर वापस लौटा दिया जाता है मेरे साथ ये कॉलेज प्रशासन की तरफ से सामाजिक भेदभाव ठीक नहीं।
बता दें बसन्त कुमार कनौजिया वही छात्र है जिन्होंने विवि की एम फिल प्रवेश परीक्षा में सर्वाधिक 94/100 अंक लाये थे उसके बाद भी कॉलेज प्रशासन उनका एडमिशन नहीं ले रहा था इसके बाद छात्र बसन्त ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहाँ से उन्हें अंतरिम राहत के तौर पर हाईकोर्ट ने BBAU प्रशासन को फटकार लगाते हुए तत्काल रूप से प्रवेश लेने के लिए 19 सितम्बर को आदेश दिया। जिसके बाद BBAU प्रशासन को 22 सितम्बर को प्रवेश लेना पड़ा।
लेकिन अब छात्र बसंत का आरोप है कि पहले विवि प्रशासन ने टॉपर अनुसूचित जाति छात्र होने की वजह से प्रवेश के लिए एक महीने तक मानसिक रूप से परेशान किया और अब छात्रावास उपलब्ध करने के लिए के लिए परेशान कर रहे है।
छात्र बसन्त कुमार कनौजिया का आरोप है कि अब छात्रावास के लिए DSW प्रो बी एस भदौरिया और डिप्टी DSW डॉ वीरेंद्र नाथ दुबे परेशान कर रहे है। जब मै उनसे मिलने जाता हूं तब कहते है कि मिल जायेगा, बल्कि विवि नियम में अभी तक कई सालों से पहली प्राथिमकता दूसरे जिलों को दिया जाता है और दूसरी प्राथिमकता उत्तर प्रदेश के छात्रो को प्रवेश परीक्षा की मेरिट के आधार पर दिया जाता है। टॉपर अनुसूचित जाति छात्र को छात्रावास के लिए 20 दिन से विवि प्रशासन के चक्कर लगा रहा है लेकिन कोई सुनने वाला नही है। एमफिल कोर्स सेल्फ फाइनेंस होने की वजह से कोई फेलोशिप नही मिलती है। जिस कारण से प्रार्थी के परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय होने की वजह से बाहर कमरा लेकर अध्ययन कार्य करने में असमर्थ है।