अगर तय रफ्तार के नियम का पालन किया जाए, शराब पीकर वाहन न चलाएं, अपनी लेन में रहकर वाहन चलाएं और वाहन चलाते समय सजग रहना आदि कुछ यातायात नियमों का ही पालन कर लिया जाए, तो भी सड़क हादसों में काफी कमी लाई जा सकती है
करीब चार महीने पहले ही सरकार ने सड़क हादसों में कमी लाने के मकसद से सड़क सुरक्षा के लिए कठोर प्रावधानों से लैस मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी थी। मकसद तो यही था कि कानूनी सख्ती से लोगों में वाहन चलाते समय कुछ तो भय काम करेगा और इस तरह सड़क हादसों में कमी लाई जा सकेगी। लेकिन इसके उलट आज भी देखा जा रहा है कि लोग वाहन चलाते समय मनमानी करते रहते हैं और कानूनी सख्ती का असर भी उनमें कम ही होता है।
देखा जाये तो काफी संख्या में ऐसे चालक हैं जो यातायात नियमों का पालन करना अपनी तौहीन समझते हैं और मनमानी से वाहन चलाना अपना अधिकार समझते हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अब राज्यसभा में कहा कि पिछले साल के मुकाबले इस साल सड़क हादसों में मामूली कमी ही दर्ज की गई, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि जितनी भी दुर्घटनाएं हुईं, उनमें मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उनके मुताबिक इसकी मुख्य वजह सड़क इंजीनियरिंग संबंधी खामियां हैं।
गौरतलब भी है कि जो लोग सड़क पर वाहन चलाते हैं, उन्हें उन खामियों के मद्देनजर सावधानी भी बरतनी चाहिए। सड़क पर ऐसी कई जगहें होती हैं, जहां विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है और सड़क किनारे बोर्ड पर निर्देश भी लिखा होता है, लेकिन कई बार लोग उन निर्देशों का पालन करना जरूरी नहीं समझते, जबकि मामूली लापरवाही भी बड़े हादसे की वजह बन जाती है और लोगों की नाहक ही जान जाती है।
एक आंकड़ों के मुताबिक बता दें कि पिछले साल ही जनवरी से सितंबर के बीच देश भर में होने वाले सड़क हादसों में कुल एक लाख बारह हजार चार सौ उनसठ लोगों की मौत हुई और साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
वास्तविकता है कि भारत में दुनिया भर के कुल वाहनों का केवल तीन फीसद ही है लेकिन हैरानी की बात है कि सड़क हादसों में मरने वालों की तादाद के मामले में भारत अव्वल है। इसकी जड़ में बड़ी विडम्बना वाहन चलाने वालों की खुद की लापरवाही ही है। हालांकि अगर तय रफ्तार के नियम का पालन किया जाए, शराब पीकर वाहन न चलाएं, अपनी लेन में रहकर वाहन चलाएं और वाहन चलाते समय सजग रहना आदि कुछ यातायात नियमों का ही पालन कर लिया जाए, तो भी सड़क हादसों में काफी कमी लाई जा सकती है। लोगों को यह समझना जरूरी है कि यातायात नियमों का पालन करना सुचारू यातायात व्यवस्था के लिए तो जरूरी है ही, साथ ही खुद अपना जीवन भी सुरक्षित रखने के लिहाज से भी अनिवार्य है।