डॉ दिलीप अग्निहोत्री


प्रयागराज कुंभ के पहले पांच वैचारिक कुंभ पहली बार आयोजित किये जा रहे है। मातृशक्ति, पर्यावरण और समरसता कुंभ के बाद लखनऊ में युवा कुंभ का आयोजन किया गया। इस श्रृंखला की अंतिम कड़ी प्रयागराज में आयोजित की जाएगी। युवा कुंभ में समता, सौहार्द, समरसता और राष्ट्रभाव का सन्देश दिया गया। इसके माध्यम से हम सामाजित एकता कायम कर सकते है, इसी मार्ग पर चल कर देश को महाशक्ति बनाया जा सकता है। राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सहसरकार्यवाह कृष्ण गोपाल जी ने युवा कुंभ का उद्घाटन किया। योगी ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में प्रदेश के अंदर कौशल विकास कार्यक्रम के तहत पांच लाख से अधिक युवाओं को स्वावलंबन की ओर अग्रसर करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है।


मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान राम मंदिर को लेकर नारे लगने लगे जो मंदिर बनवाएगा, वोट उसी को जाएगा। इसपर योगी ने कहा कि युवाओं को नारों में उलझने की जरूरत नहीं है। मंदिर जब भी बनेगा हम ही बनाएंगे। राहुल गांधी का नाम लिए बिना निशाना साधते हुए कहा कि अब वह भी जनेऊधारी बन गोत्र बताने लगे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने कहा कि हमारे सामने एक अमीर भारत है और एक तरफ गरीब भारत है। दोनों भारत एक रहना चाहिए। दोनों के बीच कोई खाई नहीं होनी चाहिए। गरीब बालिका और बालकों के विकास के लिए भी हमें तत्पर रहना होगा। समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल राम नाईक ने युवाओं को नसीहत दी और कहा कि इस बार का कुंभ इलाहाबाद में नहीं प्रयागराज में होगा और यह एक ऐतिहासिक अवसर होगा।


युवाओं को विशेष रूप से महिलाओं को आगे बढ़ने की नसीहत दी और कहा कि कुंभ में भी महिलाओं की पचास प्रतिशत भागीदारी होनी चाहिए। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एसपी सिंह के अनुसार ने युवा कुंभ में छह हजार लोग शामिल हुए। समारोह में चार हुए। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता राज्यपाल राम नाईक ने की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि हुए। सत्र में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सहसरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने मुख्य वक्ता के रूप में मार्ग दर्शन किया। दूसरे सत्र की अध्यक्षता विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री सुनील आंबेडकर ने की।
केंद्रीय मंत्री राजवर्धन सिंह राठौर मुख्य अतिथि व डीआरडीओ के वैज्ञानिक सतीश रेड्डी विशिष्ट अतिथि थे। संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद जी का भी मार्ग दर्शन प्राप्त हुआ।