वेबीनार में उपभोक्ताओं ने कहा सरकार करे हस्तक्षेप निजी घरानों के साथ मिलीभगत की उच्च स्तरीय जांच जरूरी
लखनऊ। उपभोक्ता परिषद के ऑनलाइन वेबीनार में उपभोक्ताओं ने दक्षिणांचल व पूर्वाचल के 42 जनपदों के निजीकरण किए जाने हेतु रखे जाने वाले कंसलटेंट की सेवा शर्तों में शिथिलता बरते जाने व वर्तमान में उत्तर प्रदेश में घटिया क्वालिटी के लग रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर अपना गुस्सा जताया कहा जहां एक तरफ देश के कुछ निजी घराने चीनी कंपोनेंट निर्मित घटिया स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के घरों में लगा रहे हैं अनेकों जनपदों में उनकी रीडिंग बढ़कर आ रही है इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए जिससे सही खुलासा हो सके वही अनेकों जनपदों से जुड़े बेरोजगारों व किसानों ने निजीकरण की प्रक्रिया पर तत्काल विराम लगाने की मांग उठाई कहां निजीकरण किसी भी रूप में किसने बेरोजगारों व आम जनता के हित में नहीं है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा सभी मामलों पर उपभोक्ता परिषद नजर बनाए हुए हैं निजीकरण की प्रक्रिया का हर स्तर पर व्यापक विरोध किया जा रहा है नियामक आयोग में भी कानूनी लड़ाई लड़ी जा रही है उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने कंसल्टेंट कंपनियों को अनेकों सेवा शर्तों में शिथिलता प्रदान की है वह पूरी तरह असंवैधानिक है इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।
उपभोक्ता परिषद ने कहा स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में उपभोक्ताओं से अपील की वह जहां पर भी चेक मीटर लगाए गए हैं उस स्मार्ट प्रीपेड मीटर के रीडिंग की मिलान करें और यदि उसमें अंतर आ रहा है तो तत्काल उपभोक्ता परिषद को सूचित करें और साथ ही जहां भी 5प्रतिसत अनिवार्य रूप से चेक मीटर नहीं स्थापित किए गए हैं वहां भी उपभोक्ता परिषद को अवगत कराए किसी भी स्तर पर घटिया क्वालिटी के साथ स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे तो उसका उपभोक्ता परिषद संवैधानिक तरीके से विरोध करेगा और किसी भी स्तर पर घटिया क्वालिटी के स्मार्ट प्रीपेड मीटर यदि उपभोक्ताओं के परिसर पर लगेंगे तो उसकी विद्युत नियामक आयोग में भी शिकायत की जाएगी। और पूरे मामले को पावर कॉर्पोरशन प्रबंधन को भी अवगत कराया जाएगा।