उपभोक्ता परिषद ने नवगठित फोरमों को तत्काल चालू कराए जाएं कि मांग की,कहा उपभोक्ता पूरे प्रदेश में परेशान हो रहे हैं उनकी सुनने वाला कोई नहीं
लखनऊ, 12 फरवरी: पूरे प्रदेश के लगभग 3 करोड 30 लाख विद्युत उपभोक्ताओं की बिलिंग मीटरिंग उपभोक्ता सेवा संबंधी कनेक्शन संबंधी या कोई भी समस्या जिसका समाधान जब बिजली कंपनियां नहीं करती हैं तो विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानानुसार प्रदेश का विद्युत उपभोक्ता विद्युत नियामक आयोग द्वारा गठित विद्युत वितरण निवारण फोरमो के सामने अपनी अर्जी लगाता है उसके बाद लोकपाल तक मामला ले जा सकता है लेकिन वर्तमान में उत्तर प्रदेश में नवगठित 1758 विद्युत वितरण निवारण फोरम में से प्रत्येक बिजली कंपनी में दो-चार फोरम ही काम कर रहे हैं जिसको लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 42( 5) के तहत यह प्रस्ताव भेजा है कि विद्युत नियामक आयोग पूरे इस गंभीर मामले पर हस्तक्षेप करते हुए नवगठित विद्युत व्यथा निवारण फोरम को सुचार रूप से गतिशील कराए अथवा पूर्व में बने कमिश्नरी स्तर पर 22 विद्युत व्यथा निवारण फोरमो को फिलहाल अभिलंब चालू कराए।
गौरतलब है कि शनिवार को उपभोक्ता परिषद के साप्ताहिक वेबीनार में प्रदेश के बडी संख्या में विद्युत उपभोक्ताओं ने फोरमों के बंद होने की शिकायत उपभोक्ता परिषद से की थी। केवल कागजों में फोरम गठित होने से उपभोक्ता की समस्या का समाधान नहीं होने वाला जब तक धरातल पर काम ना हो।
इस मामले पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा विद्युत नियामक आयोग जब नए कानून के तहत इस व्यवस्था को आगे बढा रहा था तो उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध करते हुए कहा था पूरे देश में एक दो राज्यों को छोडकर कहीं भी इस प्रकार के फोरम गठित नहीं किया जा रहे हैं जिसमें उपखंड अधिकारी अधिशासी अभियंता अधीक्षण अभियंता मुख्य अभियंता और कंपनी का अधिकारी जिससे उपभोक्ता अपनी समस्या को लेकर परेशान है उसी के सामने उसे अपील करना पडे यह कैसा न्याय यह उपभोक्ताओं के लिए काला कानून साबित होगा! जिससे पीडित उपभोक्ता उसी के सामने गुहार लगाए लेकिन उस समय विद्युत नियामक आयोग ने उस पर गंभीरता से विचार नहीं किया और आज उसी का नतीजा है अगस्त 2023 के बाद 95 प्रतिसत फोरम उत्तर प्रदेश में काम नहीं कर रहे हैं जो अपने आप में चिंता का विषय है तत्काल विद्युत नियामक आयोग इसका हल निकाले।