आयोग जनहित प्रस्ताव पर उपभोक्ताओं के हित में करेगा विचार, उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा गरीबों के साथ नाइंसाफ़ी न हो
लखनऊ, 09 फरवरी: वर्तमान में उत्तर प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में उपभोक्ता परिषद द्वारा किए गए एक आकलन के मुताबिक लगभग 15 से 20 लाख घरेलू विद्युत उपभोक्ता ऐसे हैं जो अपनी जीविका चलाने के लिए अपने घर के आशिक भाग में घरेलू विद्या से लिए गए बिजली कनेक्शन से ही छोटी मोटी दुकान चलाते हैं जिन्हें वर्तमान में बिजली विभाग द्वारा अभियान चलाकर वाणिज्यिक विद्या में किया जा रहा है और अनेकों जगह उन पर बिजली चोरी का मुकदमा भी दर्ज किया जाता है साथ ही बड़े पैमाने पर उनके खिलाफ विद्या परिवर्तन की कार्यवाही भी की जाती है
इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य लीगल बीके श्रीवास्तव से मुलाकात कर एक जनहित प्रस्ताव सौंपते हुए हुए वर्तमान लागू व्यवस्था में परिवर्तन करने की मांग उठाई और कहा ग्रामीण क्षेत्र में 2 किलो वाट तक के ऐसे सभी विद्युत उपभोक्ता जो अपनी जीविका चलाने के लिए अपने घरों में छोटी-मोटी दुकान खोलकर काम चला रहे हैं उन्हें घरेलू विद्या की अनुमति दी जाए और उनके खिलाफ किसी भी प्रकार के राजस्व निर्धारण की कार्रवाई न की जाए के लिए आयोग आदेश पारित कराए वह इसलिए भी जरूरी है
क्योंकि वर्ष 2019 में उपभोक्ता परिषद ने एक प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग के सामने प्रस्तुत किया था और कहा था ऐसे ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं पर राजस्व निर्धारण ना करके प्रावधान में शिथिलता बरती जाए और उन्हें घरेलू उपभोक्ता माना जाए जिस पर विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों से रिपोर्ट तलब की थी जिस पर बिजली कंपनियों की तरफ से पावर कॉरपोरेशन द्वारा यह जवाब दाखिल किया गया था की 2 किलो वाट 200 यूनिट तक ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे विद्युत उपभोक्ताओं को घरेलू विद्या में कुछ शर्तों के साथ रखा जा सकता है इस पर पावर कारपोरेशन को आपत्ति नहीं होगी जिस पर अंतत निर्णय नहीं हो पाया था। वह जबाब भी उपभोक्ता परिषद ने अपने प्रस्ताव के साथ नियामक आयोग को सौंप है।
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य लीगल बीके श्रीवास्तव ने उपभोक्ता परिषद के प्रस्ताव पर नियमों की परिधि में कार्यवाही का भरोसा दिया है उपभोक्ता परिषद को पूरी उम्मीद है कि इस पर आयोग जनहित में उपभोक्ताओं के हित में विचार करेगा।
यह मुद्दा अनेकों बार बिजली दर की सुनवाई में उठा जिस पर विद्युत नियामक आयोग द्वारा यह कहा गया था इस मामले को अलग से विचरण कर आदेश पारित कराया जाएगा लेकिन आज तक मामला विचाराधीन है।उपभोक्ता परिषद व्यापक जनहित में एक बार फिर विद्युत नियामक आयोग से यह मांग करता है कि विद्युत नियामक आयोग जनहित में इस गंभीर प्रकरण पर विचार करते हुए ग्रामीण क्षेत्र में अपने घरों में छोटी सी दुकान चलाने वाले विद्युत उपभोक्ताओं को शिथिलता देते हुए उनके मामले में नियमों में बदलाव करने पर विचार करें जो जनहित में होगा।