- कहा बिजली निगमों के कार्मिक विद्युत सेवा आयोग कंडीशन ऑफ सर्विस रेगुलेशन 1978 के तहत होते हैं भर्ती बिजली कंपनियां ऑटोनॉमस श्रेणी में
- वर्तमान में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 3 करोड 45 लाख उसके सापेक्ष बडे पैमाने पर नए पद बनाने व लगातार भर्ती अभियान चलाने की जरूरत ऐसे में यूपीपीएससी से परीक्षा कराने में लगेगा लंबा समय जिससे उपभोक्ताओं की सेवा होगी बाधित
लखनऊ 9 अगस्त : उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष का कहना है कि प्रदेश की सभी बिजली कंपनियां, पावर कॉरपोरेशन पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन सभी की भर्तियां वर्तमान में 1978 में गठित विद्युत सेवा आयोग द्वारा की जाती है इसी बीच पावर कारपोरेशन ने समूह ख और ग की भर्ती के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यूपीपीएससी व उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के जरिए भर्ती किए जाने की प्रक्रिया को आगे बढाने का निर्णय लिया है,जो उचित नहीं है।
परिषद का कहना है कि वर्तमान में पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 3 करोड 45 लाख विद्युत उपभोक्ता है ऐसे में उनको बेहतर उपभोक्ता सेवा देने के लिए बडे पैमाने पर सभी श्रेणियों में बडे पैमाने पर नए पद बनाने व लगातार भर्ती की आवश्यकता है और वह सुचारु एवं सही रूप से तभी हो सकती है जब विद्युत सेवा आयोग लगातार अपनी भर्ती अभियान को चलाएं लेकिन अब जो निर्णय लेने की बात की जा रही है उससे इस अभियान को बहुत धक्का लगेगा क्योंकि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया काफी जटिल है और उसमें लंबा समय लगता है। उपभोक्ता परिषद लगातार रिक्त पदों की भर्ती शीघ्र किए जाने की मांग बिजली दर की सभी सुनवाई में उठा रहा।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उपभोक्ता परिषद लगातार उपभोक्ताओं की संख्या के अनुपात में बिजली निगमों में भर्ती प्रक्रिया को आगे बढाने की बात करता चला रहा है इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार व प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी से मांग करता है की वर्तमान में पावर कॉरपोरेशन जो प्रक्रिया अपनाने की बात कर रहा है वह ना तो ऊर्जा निगमों के हित में है और न ही उपभोक्ताओं के हित में।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने कहा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग राज्य सरकार के कार्मिकों की भर्ती प्रक्रिया को आगे बढाता है लेकिन प्रदेश की बिजली कंपनियों व पावर कारपोरेशन के कार्मिक पूरी तरह सरकारी नहीं माने जाते और सरकारी कंपनी के तहत संचालित होते हैं ऐसे में आनेको विधिक अड़चन भी सामने आएगी जिसके चलते भर्ती प्रक्रिया काफी जटिल हो जाएगी और विधिक विवाद भी उत्पन्न होगे इसलिए कानूनी रूप से भी यह संभव नहीं है की बिजली कंपनियों के कार्मिकों की भर्ती यूपीएससी द्वारा कराई जाय।
उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों का पावर कारपोरेशन को यदि बहुत यकीन है कि उत्तर प्रदेश लोकसभा सेवा आयोग द्वारा जल्दी भर्ती होगी तो वर्तमान में जो पावर कारपोरेशन में निदेशकों के 17 पदों का चयन होने जा रहा है सबसे पहले उसे ही लोक सेवा आयोग द्वारा कर लिया जाए स्वता अंदाजा लग जाएगा की 17 पद कि चयन की प्रक्रिया पर कितना समय लगेगा ।