उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की बैठक में दलित अभियंताओं ने उठाई मांग
लखनऊ 28 जुलाई : उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन की प्रांतीय कार्य समिति की आज एक आपात बैठक फील्ड हॉस्टल कार्यालय में हुई जिसमें 1992 बैच के अभियंताओं को मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नति अविलंब किए जाने पर पुरजोर मांग उठाई, प्रांतीय कार्य समिति के पदाधिकारी ने इस बात पर भी घोर चिंता व्यक्त की कि 1992 बैच के अभियंताओं की पदोन्नति की बात आते ही कुछ आरक्षण विरोधी तत्व सक्रिय हो गए हैं जो येन केन प्रकारेण यह षड़यंत्र करने में जुटे हैं की दलित अभियंताओं की पदोन्नति में बाधा उत्पन्न हो इस बैच के अभियंताओं की रिपोर्ट को देखकर कुछ अभियंता अच्छी रिपोर्ट इसलिए नहीं लिख रहे हैं
उन्होंने आरोप लगाया कि जिससे पदोन्नति में उनके नंबर कम आए और वह सुपर सीड हो जाएँ. उन्होंने कहा कि सभी को पता है कि उत्तर प्रदेश में दलित अभियंताओं को सपा सरकार में रिवर्ट किया गया और अब ज्यादातर अभियंताओं को बिजली कंपनियों में ऐसे क्षेत्रों में तैनात किया जा रहा है। जहां के पैरामीटर काफी खराब है और उसके आधार पर उन पर कार्यवाही का दबाव बनाया जाता है जिस पर प्रबंधन को पुनर्विचार करना चाहिए नोएडा की तुलना बलिया कुशीनगर और बांदा से की जाएगी तो निश्चित ही गलत संदेश जाएगा।
संगठन ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की की 1992 में जो मुख्य अभियंता के चयन के लिए मानक पर अपनी अहर्ता पूरी करता है उसमें से कुछ अभियंताओं के खिलाफ छोटे-मोटे कैसे हैं उन्हें लंबे समय से लंबित रखा गया है जिससे उनकी पदोन्नति न हो पाए उसे पर प्रबंधन को अभिलंब विचार करते हुए सभी ऐसे मामलों का निस्तारण करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के अध्यक्ष के बी राम, कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा, उपाध्यक्ष पीएम प्रभाकर, सचिव आर पी केन, संगठन सचिव हरिचंद वर्मा, बिंदा प्रसाद, सुशील कुमार वर्मा, नेकीराम विनय कुमार, दीपक कुमार, सुभाष चंद्र ने कहा कि बडे पैमाने पर सभी बिजली कंपनियों मे दलित अभियंताओं के छोटे-मोटे कैसे जिनका निस्तारण समय से नहीं हो पा रहा है उससे उनका क उत्पीडन होता है ऐसे में प्रबंधन को सभी ऐसे मामलों को तब तत्परता के आधार पर निस्तारित करते हुए उसका समाधान करना चाहिए।
समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि पावर ऑफिसर एसोसिएशन की केंद्रीय कार्य समिति ने सभी बिजली कंपनियों का दौरा करके एक रिपोर्ट तैयार की है जिससे यह सिद्ध होता है कि जानबूझकर स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करके दलित अभियंताओं को परेशान करने के लिए उनकी तैनाती को स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करके किया गया है जो यह सिद्ध करता है कि दलित अभियंताओं के साथ भेदभाव हुआ है पावर ऑफिसर एसोसिएशन ने ऊर्जा मंत्री से समय मांगा है समय मिलते ही ऊर्जा मंत्री को पूरी बात से अवगत कराया जाएगा और जरूरत पडने पर मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की जाएगी।