15 दिन में मांगी रिपोर्ट कहा स्वता मुआवजा कानून लागू करने के लिए उठाए कदम
लखनऊ, 6 अगस्त: भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता अधिकार रूल 2020 की धारा 10(1) के तहत देश के सभी राज्यों के विद्दुत उपभोक्ताओं को चाहे वह ग्रामीण हो या शहरी 24 घंटे विद्युत आपूर्ति अनिवार्य रूप से दिए जाने का कानून बनाया था. ऐसा न होने पर उपभोक्ताओं को मुआवजा दिया जाना था जिसको लेकर उपभोक्ता परिषद लगातार लड़ाई लड रहा था और 3 जुलाई 2024 को विद्युत नियामक आयोग में एक जनहित प्रस्ताव दाखिल कर बिजली कंपनियों द्वारा रोस्टर लागू करने पर उपभोक्ता अधिकार रूल 2020 का उल्लंघन करार देते हुए कार्यवाही की मांग उठाई थी।
बता दें कि पूरे मामले में उस समय एक नया मोड़ आ गया जब केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार ने 30 जुलाई 2024 को उपभोक्ता अधिकार रूल 2020 के तहत पिछले 4 वर्षों वर्ष 2020-21 से लेकर वर्ष 2023 -24 तक उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को केवल लगभग 16 घंटा विद्युत आपूर्ति ही किए जाने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए विद्युत नियामक आयोग को निर्देश जारी किया है कि अभिलंब बिजली कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए अन्यथा की स्थिति में भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय को विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 146 के तहत कार्यवाही शुरू करना पड़ेगा।
भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने विद्युत नियामक आयोग को यह भी कहा है कि उत्तर प्रदेश में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति ग्रामीण को न मिलने पर स्वता ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा मिले ऐसा कानून तत्काल बनाया जाए जो अभी तक उत्तर प्रदेश में नहीं बना है इसके बाद बिजली कंपनियों मे हडकंप मच गया है। भारत सरकार ऊर्जा मंत्रालय ने पूरी कार्य योजना 15 दिन में तलब की है।
भारत सरकार द्वारा बनाए गए कानून का बिजली कंपनियों ने किया उल्लंघन : अवधेश कुमार वर्मा
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज इस मामले पर एक बार पुनः विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह से मिलकर एक जनहित प्रस्ताव दाखिल करते हुए बिजली कंपनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग उठाई है और कहां है कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए कानून का बिजली कंपनियों ने उल्लंघन किया है बिजली कंपनियां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में तो बहुत जल्दबाजी कर रही थी लेकिन उन्हें शायद यह पता नहीं था कि इस योजना में ग्रामीण क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को और शहरी क्षेत्र के विद्युत उपभोक्ताओं को अनिवार्य रूप से 24 घंटे विद्युत आपूर्ति देना है अन्यथा की स्थिति में स्वता मुवाअजा भी उपभोक्ताओं को मिले या व्यवस्था लागू करना है ऐसे में विद्युत नियामक आयोग बिजली कंपनियों को तत्काल या निर्देश जारी करें कि रोस्टर की व्यवस्था समाप्त कर विद्युत उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली आपूर्ति दी जाए और पिछले 4 वर्षों से ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं को जो कम बिजली दी गई है उसका आकलन कर उन्हें मुआवजा दिलाया जाए।