हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का बहुत ही खास महत्व है। पंचागों की मानें तो हर साल ज्येष्ठ महीने की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां गंगा की उपासना करने और गंगा स्नान करने से व्यक्ति के जीवन की कई परेशानियां दूर होती हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस बार गंगा दशहरा दो बार मनाया जाएगा तो आइये जानते हैं कि पहला गंगा दशहरा इस बार कब मनाया जा रहा है- 10 दिनों तक होता है गंगा दशहरा : मान्यताओं के अनुसार, इस बार गंगा दशहरा 30 मई को मनाया जा रहा है। गंगा दशहरा का अर्थ होता है कि 10 दिनों का दशहरा इसलिए इसमें 10 पापों का नाश होता है।
ज्योतिषाशास्त्र की मानें तो इस दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है और उसके पाप भी
दूर होते हैं। कैसे हुआ था मां गंगा का धरती पर अवतार पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भागीरथ अपने पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति के लिए गंगा को मना कर पृथ्वी पर लाने का प्रयास करने लगा जिसके लिए उन्होंने गंगा का आह्वान भी किया। आह्नान करने के बाद गंगा प्रकट हुई और ब्रहमा जी ने कहा कि आप इतने तेज और तीव्र वेग गंगा जी को कैसे लेकर जा सकते हो। इसके बाद उन्होंने भोलेनाथ के पास जाकर उनके बारे में चर्चाएं की तो महादेव ने उन्हें स्वीकारा और अपनी जटाओं पर रखने की बात कहकर भागीरथ ने पृथ्वी पर गंगा को लाया तब से ही गंगा दशहरा मनाने की प्रथा शुरू हुई थी।
ये उपाय करने से होंगे लाभ : गंगा दशहरा गंगा स्नान के अलावा उस दिन पितरों और पूर्वजों को तर्पण करना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा दान करें इससे काफी लाभ मिलेगा। इस दिन गंगा में नहाने से आपके पाप दूर होंगे। इसके अलावा गंगा दशहरे वाले दिन वस्त्र दान, भोजन दान और हो सके तो कन्यादान जरुर करें। मान्यताओं के अनुसार, कन्यादान इस दिन करना बहुत ही शुभ माना जाता है।