सभी बिजली कंपनियों से उपभोक्ताओं ने कहा है बढोतरी बर्दाश्त नहीं, सर प्लस निकल रहे 33122 करोड़ के एवज में बिजली दरों में हो कमी करें नहीं तो होगी आर पार की लड़ाई
लखनऊ, 21 जुलाई : केस्को मध्यांचल, पूर्वांचल, दक्षिणांचल, पक्षीमांचल व ग्रेटर नोएडा में वर्ष 2024 -25 की वार्षिक राजस्व आवश्यकता व ट्रू अप के संबंध में आम जनता की सार्वजनिक सुनवाई हो चुकी है पक्षीमांचल विद्युत वितरण निगम की आखिरी सुनवाई 20 जुलाई को मेरठ में संपन्न होने के बाद अब विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 87 के तहत गठित ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बडी संवैधानिक कमेटी की बैठक बिजली दर व वार्षिक राजस्व आवश्यकता पर विद्युत नियामक आयोग ने 24 जुलाई को आयोग सभागार में बुलाई है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार की अध्यक्षता में जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के लगभग 6 प्रमुख सचिव सहित प्रबंध निदेशक पावर कॉरपोरेशन प्रमुख सचिव ऊर्जा व अन्य सदस्यों के साथ प्रदेश के उपभोक्ताओं की तरफ से पक्ष रखने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा भाग लेंगे।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष होने के नाते मैं सभी बिजली कंपनियों में बिजली दर की सुनवाई में स्वयं शामिल था उन्होंने कहा कि बिजली दरों में कोई भी बढोतरी चोर दरवाजे से बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदेश के उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर जो 33122 करोड सरप्लस निकल रहा है उसके एवज में बिजली दरो में विद्युत नियामक कमी करके हिसाब बराबर करें।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा सभी बिजली कंपनियों में बिजली दरों में बढोतरी का विरोध भ्रष्टाचार व लैटरल एंट्री के तहत केवल इंटरव्यू के आधार पर लेखा विंग में बैंड -4 में ढाई से 3 लाख सैलरी में सीजीएम तक की भर्ती का मुद्दा और इसकी सीबीआई जांच की मांग छाया रहा, उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों में राजस्व गबन सहित गरीब विद्युत उपभोक्ताओं के भार को बढाकर उन्हें कागज में आमिर करने पर गुस्सा फूटा बिजली कंपनियों की उदासीनता की पूरी तरह पोल खुल गई उपभोक्ताओं ने स्वयं आयोग को अवगत कराया कि उनके साथ अभियंता सही व्यवहार नहीं करते फोन नहीं उठाते ग्रामीण क्षेत्र में बिजली अच्छी नहीं मिल पाती उन्हें दौड़ाया जाता है उनकी कोई सुनने वाला नहीं है हद तो तब हो गई जब पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम में 6 महीने के अंदर 8 लाख लाइफ लाइन गरीब विद्युत उपभोक्ताओं का भार बढकर उन्हें सरकार द्वारा मिलने वाली सब्सिडी से वंचित कर दिया गया और वह सभी परेशान है आज उनकी बिजली दरे दोगुनी हो गई।