नवेद शिकोह
(राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार)


ढाई वर्ष पूर्व जनाधार की वर्षा और जनसमर्थन के विश्वास के प्रकाश मे जब आदित्यनाथ योगी को देश के सबसे बड़े सूबे के मुखिया का दायित्व दिया तब इस सूबे की हालत नाजुक थी। प्रदेशवासी जातिवाद की सियासत से दुखी हो चुके थे। भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण ने उत्तर प्रदेश को बीमारू राज्यों की श्रेणी मे खड़ा कर दिया था। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तो जनता को लगा कि एक बीमार राज्य को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए आध्यात्मिक और लोकतांत्रिक शक्तियों के साथ कोई चिकित्सक मिल गया हो। मुख्यमंत्री योगी प्रदेश की जनता की उम्मीद पर खरे उतरे।


प्रदेश प्रगति के पथ पर गति पकड़ रहा था और इस सत्य के विरुद्ध विनाशकारी असुर शक्तियां झूठ के कांटों से विकास पथ को अवरुद्ध करने पर आमादा रहीं।
इस चुनौती के मोर्चे पर योगी सरकार का सूचना तंत्र सच की ढाल लेकर हर झूठ की पोल खोलता रहा।
प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी से लेकर सूचना विभाग के निदेशक शाशिर सिंह की कर्मठ कार्यशैली ना सिर्फ सरकार की जनहित योजनाओं और जनता के बीच सेतु बनी बल्कि प्रदेश विरोधी शक्तियों की झूठी अफवाहों को भी सूचना विभाग बेनकाब करता रहा।
योगी सरकार दिन प्रतिदिन सूबे को प्रगति और उन्नति की राह पर आगे बढ़ाती रही। जनहित मे कल्याणकारी योजनाओं का सिलसिला तेज हो गया। गरीब-किसान राहत की सास लेने लगे। भ्रष्टाचार पर लगाम लगने लगी। अल्पसंख्यकों मे विश्वास जगा। कानून व्यवस्था सुधरने लगी। जनहित की ये सारी उपलब्धियों को नकारा नहीं जा सकता है इसलिए विरोधियों ने सच के ऊपर झूठ को लाकर सच दबाने का असफल प्रयास शुरू कर दिया।
कभी मॉब लिचिंग.. कभी.. बच्चा चोरी तो कभी मंदी का खौफ दिखाकर अफवाहों का बाजार जारी रखा गया। योजनाबद्ध और संगठित तरीके से झूठ फैलाने का एजेंडा चलाने वालों की योगी सरकार के सूचना तंत्र ने चलने नहीं दी। प्रमुख सचीव सूचना के कुशल नेतृत्व मे सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के निदेशक शिशिर सिंह की कार्यकुशलता जनहित मे सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से एक एक आम जनता को भलीभांति अवगत करा रही है। सूचना विभाग का प्रचार तंत्र सरकार के विकास कार्यों के सच से झूठों और अफवाहबाजों को मुंह की खानी पड़ रही है।