उपभोक्ता परिषद ने बताया बजट में ऊर्जा क्षेत्र को भारी निराशा हाथ लगी
लखनऊ, 23 जुलाई : देश में आज केंद्रीय वित्त मंत्री की तरफ से वर्ष 2024-25 का अंतिम बजट पेश किया गया जिसमें प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत रूफटॉप सोलर पैनल लोगों के घरों में लगाकर उन्हें 300 यूनिट मुक्त बिजली देने का वादा किया गया!
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि देश में आज भी करोडों लोग ऐसे है जिनके पास अपनी छत ही नहीं है तो वह सोलर पैनल का लाभ कहां से ले लेंगे ! वास्तव में जो विद्युत उपभोक्ता लाइफलाइन फ्री में बिजली कनेक्शन लेने के लिए लाइन लगता है वह इस योजना का लाभ नहीं ले पाएगा, इस योजना का ऐलान अंतरिम बजट के पहले किया गया और आज तक केवल 14 लाख आवेदन आए और दूसरी तरफ 1 करोड 28 लाख विद्युत उपभोक्ता में रजिस्ट्रेशन किया तो कल को यह योजना एक तरह से अगर सभी आवेदन आ जाएंगे तो अपने आप पूरी हो गई है तो सरकार को कोई ऐसी योजना लानी चाहिए जिससे उन विद्युत उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले।
उन्होंने कहा कि जिनके पास अपनी छत नहीं है वास्तव में पूरे देश में लगभग 32 करोड विद्युत उपभोक्ता है इसके पहले भी केंद्र द्वारा पीएम कुसुम योजना का ऐलान किसानों के लिए किया गया था और कहा गया था कि इससे किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध होगी लेकिन सही मामले में पीएम कुसुम योजना किसानों की सफल नहीं हो पाई आने वाले समय में इस योजना की सफलता भी केंद्र सरकार की सब्सिडी पर निर्भर करेगा, इसलिए पुरानी योजनाओं को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि इसे कोई बहुत बडा क्रांतिकारी निर्णय नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सौभाग्या योजना के तहत करोड़ों विद्युत उपभोक्ता देश के इस इंतजार में थे कि इस अंतिम बजट में सरकार कोई बडा ऐलान करेगी जिससे उनके लिए बिजली सस्ती हो जाएगी लेकिन उन्हें निराशा मिली।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा इसके पहले जब किसानों के लिए पीएम कुसुम योजना लाई गई थी तो केंद्र की तरफ से जो निधियां जारी की गई थी, वह बहुत कम थी। जहां पूरे देश में वर्ष 2020-21 के लिए लगभग 156 करोड वहीं वर्ष 2021-22 के लिए लगभग 406 करोड और वहीं वर्ष 2022-23 के लिए लगभग 801 करोड निधि जारी की गई थी। वहीं वर्ष 2023- 24 में यह घटकर केवल 131 करोड ही रह गई इसमें बात करें उत्तर प्रदेश की तो वर्ष 2022-23 के लिए उत्तर प्रदेश में कोई भी निधि आवंटित नहीं की गई वहीं वर्ष 2020-21 में लगभग 15 करोड वर्ष 2021-22 में लगभग 13 करोड और वर्ष 2022-23 में लगभग 82 करोड निधि जारी की गई थी। इसलिए यह कहना उचित होगा कि यह योजना भी आने वाले समय में केंद्र सरकार द्वारा आवंटित सब्सिडी पर ही निर्भर करेगा। सब मिलाकर ऊर्जा क्षेत्र के लिए अंतिम बजट में कोई क्रांतिकारी निर्णय सामने नहीं आया है।