मातृ वंदना सप्ताह 1-7 सितम्बर तक
लखनऊ, 29 अगस्त-2018: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लागू होने के एक साल पूरे होने पर पूरे देश में एक से सात सितम्बर तक “मातृ वंदना सप्ताह” के रूप में मनाने का निर्णय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने लिया है। इसके तहत गर्भवती के उचित खानपान एवं आराम, प्रसव पूर्व नियमित जाँच, संस्थागत प्रसव और टीकाकरण आदि को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
योजना के फायदे बताने के लिए सोशल मीडिया के साथ ही नुक्कड़ नाटक, पोस्टर-बैनर, होर्डिग आदि का भी सहारा लिया जाएगा। इसको लेकर राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी है। ज्ञात हो कि यह योजना पिछले साल एक सितम्बर को शुरू की गयी थी। इस योजना के तहत पहले गर्भधारण के दौरान पंजीकृत गर्भवती को तीन किश्तों में पाँच हजार रूपये का भुगतान किया जाता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक (उत्तर प्रदेश) पंकज कुमार ने इस सम्बन्ध में प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस सप्ताह के दौरान जनजागरूकता के कार्यक्रम आयोजित करने के साथ ही पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के आवेदन एक अभियान के तहत लिए जाएँ और सारी कार्रवाई पूरी करके उनके भुगतान की प्रक्रिया पूरी की जाए।
एसीएमओ,आरसीएच डॉ. अजय राजा ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा दिए गए दिशानिर्देशानुसार “मातृ वंदना सप्ताह” मनाया जायेगा। इसके तहत गर्भवती के उचित खानपान, प्रसव पूर्व नियमित जाँच, संस्थागत प्रसव और टीकाकरण आदि को लेकर जिले एवं ब्लॉक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। साथ ही सोशल मीडिया में फेसबुक ट्विटर के ज़रिये अभियान भी चलाया जायेगा, इसके साथ ही योजना के फायदे बताने के लिए पोस्टर-बैनर, होर्डिग, नुक्कड़ नाटक, आदि का भी सहारा लिया जाएगा।
डॉ. राजा ने बताया कि आवश्यकता के आधार पर हितधारकों के साथ बैठक या एक शिविर आयोजित किया जायेगा। साथ ही जिला स्तर पर अच्छे प्रदर्शन वाले ब्लॉक और उनके अधिकारियों तथा अच्छे प्रदर्शन वाले फील्ड वर्कर/एएनएम के लिए के लिए सम्मानित समारोह का आयोजन किया जायेगा । ब्लॉक स्तर पर सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों में लाभार्थियों के लिए महिला समुदाय कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे जिसमे उन्हें टेक होम राशन द्वारा अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जा सकते हैं, सिखाया जायेगा।
क्या है योजना:
यह योजना पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के लिए है। यह योजना गर्भवती महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बनाई गयी है। इसके तहत पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में एक हजार रूपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जाँच होने पर (गर्भावस्था के छह माह बाद) दूसरी किश्त के रूप में दो हजार रूपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किश्त के रूप में दो हजार रूपये दिए जाते हैं। ये सारे भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं जिसका आधार से लिंक होना जरुरी है।
इस योजना का लाभ सही-सही पात्र लोगों को मिल सके इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गयी है, विकास खंड पर तैनात ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर (बीसीपीएम) आवेदन को पूर्ण कराकर मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम (एमसीटीएस) को भेज देते हैं, जिसके जरिये इसे योजना के पोर्टल पर भेज दिया जाता है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक का कहना है कि इस योजना में लगे हर कर्मचारी को सख्त निर्देश हैं कि योजना को लेकर कोई ढिलाई न बरती जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा गर्भवती को योजना का समय से लाभ मिल सके।