डॉ दिलीप अग्निहोत्री
भारत का सांस्कृतिक राष्ट्रवाद सर्वाधिक प्राचीन है। विश्व के अन्य हिस्सों में जब मानव सभ्यता का विकास भी नहीं हुआ था, हमारे यहां राष्ट्र प्रादुर्भाव हो चुका था। ऋग्वेद में राष्ट्र का सुंदर उल्लेख है। राष्ट्र की भौगोलिक सीमाओं के साथ ही सांस्कृतिक व्यापकता को दर्शाने वाले वर्णन प्राचीन ग्रन्थों में है। वेदों पुराणों में भारत के भू भाग का विस्तृत और स्पष्ट वर्णन मिलता है। इनमें उल्लिखित है कि हिमालय ये दक्षिण की ओर समुद्र तक विस्तृत सम्पूर्ण भू भाग भारतवर्ष है। भारत का भौगोलिक व सांस्कृतिक क्षेत्र पहले बहुत विस्तृत था। आदि शंकराचार्य सुदूर दक्षिण भारत केरल के थे।
भारत की सांस्कृतिक विरासत के अनुरूप उन्होंने देश में चारपीठों की स्थापना की थी। देश के मठ व हमारे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रतीक है। भारत ने जब तक अपनी इस महान विरासत पर गर्व किया, जब तक यहां के लोग राष्ट्रीय स्वाभिमान से प्रेरित रहे, तब तक भारत समर्थ रहा। वह विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठत रहा। आज फिर उसी राष्ट्रीय स्वाभिमान को जागृत करने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस दिशा में कारगर प्रयास कर रहे है। उनके नेतृत्व व नीतियों से विश्व मे भारत की प्रतिष्ठा तेजी से बढ़ रही है। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव को कम करने के लिए भारत से मध्यस्थता की अपेक्षा की गई है। राष्ट्रीय एकता भारत की शक्ति व महत्व बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को राष्ट्रीय स्वाभिमान बढ़ाने वाला कहा। उन्होंने आपसी एकता पर बल दिया। कभी डाॅ भीमराव आंबेडकर के साथ जोगेन्द्र नाथ मण्डल भी वंचितों की आवाज थे। लेकिन डॉ आंबेडकर भारत और भारतीयता का समर्थन करते थे। जबकि वहीं जोगेन्द्र नाथ मण्डल ने पाकिस्तान के निर्माण का समर्थन किया। वह पाकिस्तान के कानून मंत्री भी बने। दो वर्ष के भीतर उनका भ्रम टूट गया। वह पाकिस्तान में दलितों का उत्पीड़न देखते रहे। बाद में उन्हें खूद जान बचाकर भागना पड़ा। वह उत्पीड़ित शरणार्थी के रूप में वापस भारत आये थे। यहां वह गुमनाम बने रहे। वह न पाकिस्तान के हो सके,न भारत में उन्हें सम्मान की नजर से देखा गया।
डाॅ भीमराव आंबेडकर भारतीय राष्ट्रवाद से कभी अलग नहीं हुए। उनको भारत रत्न से सम्मानित किया गया। महर्षि अरविन्द भी सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा थे। उन्होंने सजीव भारतमाता की कल्पना की थी। उनका कहना था कि राष्ट्र का उत्थान सबसे बड़ा पुण्य है। स्वामी विवेकानन्द युवा वर्ग को विशेष रूप में राष्ट्रवाद से प्रेरित करना चाहते थे। योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं के उत्थान के लिए अनेक कार्य कर रही है। प्रदेश की सात हजार ग्राम पंचायतों में एक- एक खेल का मैदान तथा एक -एक ओपेन जिम की स्थापना की जा रही है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के सभी गावों में एक एक खेल के मैदान और एक ओपेन जिम की स्थापना की जाए। खेलों को बढ़ावा दिया जाए।
प्रधानमंत्री द्वारा लागू की गई स्टार्टअप इण्डिया, स्टैण्डअप इण्डिया, मेक इन इण्डिया जैसी योजनाओं में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। स्वामी विवेकानन्द जयंती पर आयोजित उत्सव युवाओं के लिए ऊर्जादायी है। देश की संस्कृति अत्यन्त समृद्ध है।यहां भारत के कोने कोने से आए युवाओं के माध्यम से विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों की झलक देखने को मिल रही है। यह। एक भारत श्रेष्ठ भारत की ही अभिव्यक्ति है। अभी तक भारत की पूरी शक्ति दुनिया को देखने को नहीं मिली है, शीघ्र ही यह सबको दिखायी देगी। देश की प्रगति को शीघ्र ही नई दिशा मिलेगी। खेलो इण्डिया में उत्तर प्रदेश के युवा उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। भविष्य में उत्तर प्रदेश खेलों की नई शक्ति बनके उभरेगा।
भारत में दुनिया के बीस प्रतिशत युवा मौजूद हैं। इसलिए युवावर्ग को जागृत होकर राष्ट्रीय स्वाभिमान बढ़ाना होगा। युवा उत्सव की थीम फिट यूथ फिट इण्डिया है। देश में फिट इण्डिया मूवमेंट चलाया जा रहा है। हाॅकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के जन्म दिन उनतीस जनवरी को राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने का निर्णय लिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस युवा सम्मेलन को अपना सन्देश भेजा। इसमें कहा गया कि देश को आज ही के दिन एक ऐसी ऊर्जा मिल थी,जो आज भी हमें ऊर्जावान बनाए हुए है। विवेकानन्द जी का कहना था कि सारी शक्ति आपके अन्दर निहित है।
युवकों को स्वयं पर विश्वास करना चाहिए। उनका सन्देश आज भी प्रासंगिक है। भारत आज विश्व के शीर्ष तीन स्टार्टअप ईको सिस्टम में से एक है। देश की प्रगति में युवाओं की सहभागिता और शक्ति का सदुपयोग आवश्यक है। युवाओं की सृजनात्मकता के कारण आज देश में छब्बीस हजार नए स्टार्टअप खुले हैं। यह गर्व की बात है। आज देश के युवा टेक्नोलाॅजी का इस्तेमाल कर समस्याओं का साॅल्यूशन दे रहे हैं। नए वेंचर्स स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने युवा शक्ति को राष्ट्रशक्ति बनाने का आहवान किया।