बांदा, 06 नवम्बर 2019: फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले प्रोफेसर को बर्खास्त कर दिया गया है। आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य डॉ सीके राजपूत ने शासन द्वारा जारी पत्र पर बर्खास्तगी की पुष्टि की है। वहीं शिकायत कर्ता ने सरकार से सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है।
लोकसेवा सेवा आयोग द्वारा आजमगढ़ निवासी अमरनाथ का चयन 2011 में शरीर क्रिया विभाग में प्रोफेसर पद पर हुआ था। तब से लगातार विभिन्न कालेजों में अमरनाथ नौकरी करते रहे हैं। वर्तमान में अमरनाथ राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज अतर्रा में तैनात थे। फर्जीवाड़े की शिकायत फलां, निवासी वाराणसी द्वारा शासन में की गई थी।
शिकायत की जांच के लिए शासन ने बरेली आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित किया गया था, जिसमें उन्हें दोषी पाया गया। पुनः शासन ने आईएएस शारदा सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन कर आख्या देने के निर्देश दिए, जिसमें अमरनाथ को कूट रचित एवं दुरभि पूर्ण प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी हासिल करने की पुष्टि की गई।
योगी सरकार ने जांचोपरांत इस फर्जीवाड़े पर कार्रवाई करने की संस्तुति सहित रिपोर्ट राज्यपाल को भेजा, जिस आधार पर राज्यपाल की ओर से प्रशांत त्रिवेदी प्रमुख सचिव द्वारा उपसचिव शैलेन्द्र कुमार बर्खास्त करने का पत्र जारी कर दिया गया। राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सीके राजपूत ने कहा कि शासन स्तर से कार्रवाई करने का पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें अमरनाथ के टर्मिनेशन की पुष्टि की गई है।