उपभोक्ता परिषद ने कहा स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मामले में हजारों करोड़ का आर्डर पाने वाले उद्योगपतियों की 10 प्रतिशत बैंक गारंटी को 3 प्रतिशत कर दिया गया जो देश के बड़े उद्योगपति हैं और यहां सबसे कम वेतन भोगी संविदा कर्मी को नौकरी कराया जा रहा है बाहर
लखनऊ 3 फरवरी : उपभोक्ता परिषद ने कहा कोरोना काल में सबसे ज्यादा संविदा कर्मियों ने उपभोक्ताओं की सेवा की विद्युत दुर्घटनाओं में लगातार सबसे ज्यादा उनकी जाने जा रही है और उन्हें बहुत कम वेतन में अपना जीवन चलाना पड़ रहा है जिसको लेकर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ऊर्जा क्षेत्र की सबसे बड़ी संवैधानिक कमेटी राज्य सलाहकार समिति की 5 अगस्त 2024 की बैठक में यह मुद्दा उठाते हुए संविदा कार्मिकों के संरक्षण और उन्हें समान काम समान वेतन दिए जाने का मुद्दा उठाया था। जिस पर पावर कारपोरेशन ने भरोसा दिया था कि उनके साथ न्याय होगा अब न्याय की बात तो दूर हो गई न उन्हें समान काम समान वेतन मिला लेकिन बड़े पैमाने पर जो संविदा कार्मिकों के टेंडर है उसमें ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि उनका बड़े पैमाने पर अनिवार्य रूप से छटनी हो जाए जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण कार्यवाही है। परिषद ने कहा एक तरफ पावर कॉरपोरेशन हजारों करोड़ के टेंडर वाले उद्योगपतियों के मामले में स्मार्ट प्रीपेड मीटर में परफॉर्मेंस बैंक गारंटी को 10 प्रतिशत से 3 प्रतिशत कर दिया वहां उन्हें करोड़ों का लाभ दिया गया और यहां गरीबों को जो छोटे वेतन भोगी हैं उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है यह गलत है और उत्तर प्रदेश सरकार की छवि धूमिल करने वाला फैसला है।
इस मामले पर उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि उत्तर प्रदेश में एक तरफ कुंभ मेला चल रहा है और दूसरी तरफ संविदा कार्मिक जो अल्प वेतन भोगी है उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। इससे कहीं-कहीं न सरकार की छवि धूमिल हो रही है। उत्तर प्रदेश सरकार व पावर कारपोरेशन को इस मामले का संज्ञान लेते हुए संविदा कर्मियों को जो नौकरी से निकाला जा रहा है उस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए और सही मायने में संविदा कार्मिकों को समान काम समान वेतन देकर उन्हें जीवन जीने का हक देना चाहिए अगर पावर कारपोरेशन को यह लगता है कि कहीं टेंडर में अधिक संविदा कर्मी का कार्यरत है तो उसकी जांच पड़ताल की जाए लेकिन जो नौकरी में काम कर रहे हैं उन्हें नौकरी से बाहर बिल्कुल ना किया जाए।