लखनऊ । समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के एजेंडा में नौकरी और रोजगार नहीं है। उत्तर प्रदेश हो या बिहार या फिर पूरा देश | जहाँ-जहाँ भाजपा की सरकारें हैं, वहाँ एक सा ही पैटर्न है। कभी डबल शिफ्ट, डबल डे, तो कभी नॉर्मलाइजेशन के नाम पर, कभी सर्वर में गड़बड़ी करवाकर, कभी पेपर लीक कराकर, कभी कॉपी बदलवाकर, कभी आरक्षण मारकर, कभी रिजल्ट रोककर या कभी रिजल्ट को कोर्ट में घसीटकर भाजपा वाले नौकरी पाने के हर तरीके को फँसा देते हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की मंशा नौकरी देने की होती ही नहीं है, वो हर काम ठेके पर देना चाहती है, जिससे ठेकेदारों से वसूली की जा सके। भाजपा सरकार प्रदेश की बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है। कुछ पूंजी घरानों को मनमाने दामों पर बिजली देने की छूट मिल जाएगी। जनता के शोषण उत्पीड़न से भाजपा को कुछ लेना देना नहीं। भाजपा कुछ कम्पनियों को बिजली व्यवस्था सौंप देगी तो वे सरकारी कर्मचारियों को निकाल कर आउटसोर्सिंग से कर्मचारी रखेगी। इस तरह सरकारी कर्मचारी और संविदा कर्मी दोनों बेरोजगार हो जाएंगे।
श्री यादव ने कहा कि युवाओं के हक की नौकरियाँ भाजपा के भ्रष्टाचार का शिकार हो गयी हैं। भाजपा का धीरे-धीरे सरकारी नौकरियों को खत्म करने के पीछे उसका छिपा हुआ एजेंडा भी है क्योंकि ठेकेदारी में आरक्षण लागू नहीं होता है। यह काम केन्द्र और राज्य की दोनों सरकारें कर रही हैं। भाजपा नहीं चाहती है कि पीडीए को उसका हक और सम्मान मिले।