पॉवर कॉर्पोरेशन ने लिया बड़ा फैसला, उपभोक्ता परिषद के वेबीनार में उपभोक्ताओं ने आदेश की सराहना
लखनऊ, 30 दिसम्बर: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधीन सभी बिजली कंपनियों में बिजली चोरी के असेसमेंट में अधिशासी अभियंता कार्यालय द्वारा लगातार भ्रष्टाचार के जरिए उसमें कमी और बढोतरी की जाती रहती थी और उपभोक्ताओं का शोषण होता था। जो भ्रष्टाचार का एक बडा कारण बन कर सामने आ रहा था। अंततः पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन द्वारा आज एक बडा फैसला लेते हुए यह व्यवस्था सभी बिजली कंपनियों मे तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई की बिजली चोरी के अंतिम असेसमेंट पर कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा और यदि किसी भी मामले में त्रुटि अथवा गलती हुई है तो उसमें बदलाव 2 लाख तक के राजस्व निर्धारण के मामले में पूरा प्रकरण अधिशासी अभियंता कार्यालय द्वारा मुख्य अभियंता को भेजते हुए निदेशक वित्त व निदेशक वाणिज्य डिस्कॉम के द्वारा लिए गए निर्णय के उपरांत ही उसमें बदलाव किया जा सकता है, और त्रुटि के कारणों के लिए दोषियों पर कार्यवाही का भी प्रस्ताव देना होगा। इसी प्रकार 2 लाख से ऊपर के राजस्व निर्धारण के मामले में संबंधित अधिशासी अभियंता कार्यालय द्वारा मुख्य अभियंता के माध्यम से निदेशक वित्त डिस्कॉम व प्रबंध निदेशक के स्तर से ही उसमें कोई बदलाव किया जा सकता है इस मामले में भी राजस्व निर्धारण में त्रुटि करने वाले उसमें गलती करने वाले कार्मिकों के खिलाफ कार्यवाही का प्रस्ताव देना होगा।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से चलाए जा रहे प्रत्येक शनिवार को साप्ताहिक प्रादेशिक वेबीनार में आज इस आदेश की सभी विद्युत उपभोक्ताओं ने सराहना करते हुए अधिशासी अभियंता कार्यालय में हो रहे भ्रष्टाचार अंकुश लगने का भरोसा जताया और कहा यह आदेश भ्रष्टाचार में कमी लाएगा।
पावर कारपोरेशन का सराहनीय फैसला; उपभोक्ता परिषद
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा जारी आदेश के बाद पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष कुमार गोयल व प्रबंध निदेशक पंकज कुमार से बात कर इस आदेश के लिए उन्हें प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं के तरफ से बधाई दी और कहा निश्चित ही आने वाले समय में जो अधिशासी अभियंता कार्यालय में बिजली चोरी के राजस्व निर्धारण में अंकुश लगेगा।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा वर्तमान में बिल रिवीजन और बिजली चोरी के राजस्व निर्धारण के मामले में बडे पैमाने पर सभी बिजली कंपनियों मे भ्रष्टाचार चरम पर है उसके मद्देनजर पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा जो फैसला किया गया है वह उचित है और इसका दूरगामी परिणाम सामने आएगा।